
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में प्रदेश के सभी जिलों में वृद्धाश्रम खोले जाएंगे, ताकि कोई भी बुजुर्ग बेसहारा महसूस न करे। इसके साथ ही दिव्यांगों से विवाह करने पर मिलने वाली अनुदान राशि 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी जाएगी।
वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के साथ संवाद
मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में सीएम धामी ने कहा कि सरकार बुजुर्गों और दिव्यांगों के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए लगातार काम कर रही है। वर्तमान में प्रदेश के लगभग 6 लाख बुजुर्गों को डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से पेंशन दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस समय बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी में राजकीय वृद्धाश्रम संचालित हैं, जबकि देहरादून, अल्मोड़ा और चंपावत जिलों में नए भवनों का निर्माण कार्य जारी है। वहीं हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में गैर-सरकारी संगठनों द्वारा वृद्धाश्रम संचालित किए जा रहे हैं।
बदलते समय में रिश्तों की चुनौतियाँ
सीएम धामी ने कहा कि बदलते दौर में पारिवारिक रिश्तों में कई तरह की चुनौतियाँ सामने आई हैं। ऐसे में सरकार ने बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम लागू किया है। इसके तहत बुजुर्ग अपने बच्चों या कानूनी उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण की कानूनी मांग कर सकते हैं।
उन्होंने भरोसा दिलाया –
“आपके सम्मान, सुरक्षा और सुविधाओं में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। यह सरकार हमेशा आपके साथ खड़ी है।”
दिव्यांगजनों के लिए नई पहल
- विवाह अनुदान : दिव्यांगों से विवाह करने वाले दंपतियों को अब 50 हजार रुपये अनुदान मिलेगा।
- छात्रवृत्ति : कक्षा एक से आठ तक पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों के लिए आयु सीमा की बाध्यता समाप्त कर दी गई है।
- पेंशन :
- राज्य में 96 हजार से अधिक दिव्यांगों को पेंशन दी जा रही है।
- 18 वर्ष से अधिक आयु के 86 हजार दिव्यांगों को प्रतिमाह 1500 रुपये,
- 18 वर्ष से कम आयु के 8 हजार से अधिक दिव्यांगों को देखभाल व भरण-पोषण के लिए प्रतिमाह 700 रुपये की सहायता दी जा रही है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य के दौरान दिव्यांग हुए लोगों को 1200 रुपये प्रतिमाह (तीलू रौतेली पेंशन) दी जा रही है।
- चार फीट से कम लंबाई वाले व्यक्तियों को भी 1200 रुपये मासिक बौना पेंशन मिल रही है।
नई योजनाएँ और डिजिटल भुगतान
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दिव्यांग विवाह अनुदान और राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का नया सॉफ्टवेयर लॉन्च किया। साथ ही समाज कल्याण विभाग द्वारा दी जा रही पेंशन की पांचवीं किस्त का ऑनलाइन भुगतान भी किया गया।
उन्होंने कहा कि कई बार योजनाएँ तो बन जाती हैं, लेकिन उनका वास्तविक लाभ तभी मिलता है जब वे पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से लाभार्थियों तक पहुँचें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के सशक्तीकरण की दिशा में लगातार प्रयास हो रहे हैं।
तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित हुईं महिलाएँ
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने राज्य की 13 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति आज उत्तराखंड में सामाजिक और सांस्कृतिक क्रांति की वाहक बन रही है और हर क्षेत्र में अपनी पहचान स्थापित कर रही है।