
देहरादून। राजधानी दून इन दिनों एक अजीबोगरीब आयोजन को लेकर चर्चा में है। सोशल मीडिया पर एक फर्जी शादी का निमंत्रण पत्र वायरल हो रहा है, जिसने धार्मिक और सामाजिक संगठनों में बवाल खड़ा कर दिया है। यह आयोजन 6 सितंबर को होना प्रस्तावित है। खास बात यह है कि इसमें न तो दूल्हा होगा और न दुल्हन, सिर्फ बाराती होंगे जो सांस्कृतिक परिधानों में मौज-मस्ती करेंगे और जाम छलकाएंगे।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ‘नकली शादी’ का निमंत्रण
देहरादून के एक व्यापारिक प्रतिष्ठान की ओर से इस आयोजन का निमंत्रण पत्र जारी किया गया है। इसे अंग्रेजी में बिल्कुल पारंपरिक शादी के कार्ड जैसा डिजाइन किया गया है। शीर्षक दिया गया है – “सबसे मजेदार नकली शादी”।
निमंत्रण पत्र में लिखा है –
“Welcome to the craziest wedding! यहां दूल्हा नहीं होगा, न दुल्हन, केवल बाराती होंगे जो पार्टी करेंगे।”
युवाओं को इस आयोजन के लिए ड्रेस कोड भी दिया गया है। युवकों से कहा गया है कि वे कुर्ता पहनकर आएं, जबकि युवतियों के लिए पारंपरिक भारतीय पोशाक और मेहंदी लगाना अनिवार्य बताया गया है।
परंपराओं के अपमान का आरोप
जैसे ही यह निमंत्रण वायरल हुआ, कई हिंदूवादी संगठनों ने इस पर कड़ा एतराज जताया। संगठनों का कहना है कि यह भारतीय विवाह संस्कार और हिंदू परंपराओं का मजाक उड़ाने जैसा है।
बजरंग दल के प्रांत मिलन प्रमुख विकास वर्मा ने कहा –
“देवभूमि उत्तराखंड में दूर-दूर से लोग शादी करने आते हैं। यहां मंदिरों में विवाह एक पवित्र संस्कार माना जाता है। ऐसे में नकली शादी के नाम पर पार्टी आयोजित करना देवभूमि की छवि धूमिल करने और हमारी संस्कृति का अपमान करने जैसा है।”
हिंदू रक्षा दल के प्रदेश अध्यक्ष ललित शर्मा ने भी चेतावनी दी –
“शादी भारतीय परंपरा में सिर्फ उत्सव नहीं बल्कि संस्कार है। इसका इस तरह से मजाक उड़ाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि आयोजक नहीं मानते तो उनके खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन किया जाएगा।”
पुलिस की सख्ती और चेतावनी
लोगों की आपत्ति को देखते हुए पुलिस भी अलर्ट हो गई है। एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने बताया कि आयोजकों से इस पूरे आयोजन की विस्तृत जानकारी मांगी गई है। पुलिस ने आयोजकों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि –
“यदि इस आयोजन से भारतीय परंपराओं और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची तो सख्त कार्रवाई की जाएगी और आयोजन रोक दिया जाएगा।”
बड़े शहरों से आया ट्रेंड
सूत्रों के अनुसार, इस तरह की नकली शादियों का ट्रेंड पहले गोवा, दिल्ली, गुरुग्राम और मुंबई जैसे बड़े शहरों में शुरू हुआ था। इन आयोजनों को पार्टी का एक नया रूप माना जाता है, जिसमें लोग शादी की रस्मों का सिर्फ मजाकिया ढंग से आनंद लेते हैं। अब यह ट्रेंड धीरे-धीरे छोटे शहरों में भी पहुंच रहा है और देहरादून इसका ताजा उदाहरण है।
दो राय में बंटे लोग
- युवा वर्ग का एक हिस्सा इसे मजेदार और अलग तरह की पार्टी बता रहा है। उनका कहना है कि यह सिर्फ एंटरटेनमेंट है, इसे परंपराओं से जोड़कर देखने की जरूरत नहीं है।
- वहीं, धार्मिक संगठन और परंपरावादी लोग इसे संस्कारों का मजाक मानते हैं और रोक की मांग कर रहे हैं।