
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में एक आपराधिक शिकायत दर्ज की गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से पहले मतदाता का दर्जा पाने के लिए जाली दस्तावेज़ बनाए। शिकायत वकील विकास त्रिपाठी द्वारा दायर की गई है। इसमें जांच की मांग की गई है कि अप्रैल 1983 में भारत की नागरिकता प्राप्त करने से पहले सोनिया गांधी ने मतदान कैसे किया।
अदालत में सुनवाई
मामला अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया के समक्ष आया। अदालत ने शिकायतकर्ता पक्ष की विस्तृत दलीलों को सुन लिया। वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सोनी और पवन नारंग शिकायतकर्ता की ओर से पेश हुए।
अधिवक्ता पवन नारंग ने अदालत में तर्क दिया कि यह मामला राजनीतिक नहीं बल्कि कानूनी है। उन्होंने जोर दिया कि कथित कृत्य एक संज्ञेय अपराध है और इसकी जांच पुलिस द्वारा अवश्य करनी चाहिए।
शिकायत के मुख्य बिंदु
- शिकायत के अनुसार, सोनिया गांधी मूल रूप से इतालवी नागरिक थीं और उन्हें 30 अप्रैल 1983 को भारतीय नागरिकता मिली।
- हालांकि, उनका नाम 1981-82 में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल हो गया था।
- अधिवक्ता नारंग ने बताया कि उनके दिवंगत देवर संजय गांधी के साथ उनका नाम 1982 में मतदाता सूची से हटा दिया गया था।
- उनका तर्क है कि केवल भारतीय नागरिक ही मतदाता सूची में नामांकित हो सकते हैं। इसलिए, सूची में उनका पूर्व प्रवेश अनियमित था।
- नारंग ने अदालत को बताया कि नागरिकता प्रदान किए जाने से पहले मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए जाली या झूठे दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है, जिससे एक सार्वजनिक प्राधिकरण को गुमराह किया गया।
प्राथमिकी और जांच की मांग
शिकायत में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए, याचिकाकर्ता ने अदालत से प्राथमिकी दर्ज करने और कथित अपराधों की जांच के निर्देश देने की मांग की है।
अगली सुनवाई
अदालत ने याचिकाकर्ता पक्ष की दलीलें पूरी होने के बाद मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर 2025 को तय की है।