
बड़वानी | मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पानसेमल जनपद के ग्राम जलगोन में मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के तहत बनाई जा रही पुलिया पहली ही बरसात में धराशायी हो गई। करीब 25 लाख रुपये की लागत से बन रही यह पुलिया अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि उसका आधा हिस्सा पानी के तेज बहाव में बह गया।
ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना केवल बारिश का नतीजा नहीं है, बल्कि पंचायत और ठेकेदार की लापरवाही और भ्रष्टाचार का परिणाम है। उनका आरोप है कि पुलिया की डिजाइन ही गलत थी और उन्होंने इसकी शिकायत पहले ही पंचायत से की थी, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
किसानों का बड़ा नुकसान
पुलिया टूटने के कारण आसपास के खेतों में पानी भर गया। इससे किसानों की खड़ी फसलें डूब गईं और चारा व खाद बह गया। किसान कपलेश्वर पाटिल, सुरेश पाटिल, रविन्द्र माली सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि उनके खेतों में कटाव हो गया है और आने वाले दिनों में बुआई पर भी संकट खड़ा हो सकता है।
किसान रमेश भीमराव पाटिल ने कहा कि “तेज बारिश के चलते खेतों में पानी भर गया। मेरा सारा पशुचारा और खाद बह गया है। अब घर चलाना मुश्किल हो जाएगा।”
महिलाओं ने भी पंचायत पर उठाए सवाल
ग्राम की महिलाओं ने भी पंचायत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि गली-मोहल्लों की सफाई तक समय पर नहीं होती। नालियों में गंदगी भरी हुई है, जिससे पानी रास्तों में जमा होकर लोगों के घरों तक पहुंच गया। उनका आरोप है कि अधिकारी केवल कागजों पर काम पूरा दिखाते हैं, जबकि असलियत में काम अधूरा या घटिया होता है।
निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर उठे सवाल
यह घटना सरकारी निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर बड़े सवाल खड़े कर रही है। जिस पुलिया का निर्माण अभी पूरा भी नहीं हुआ था, वह पहली ही बारिश में ढह गई। ग्रामीणों का कहना है कि इसमें कहीं न कहीं भ्रष्टाचार और घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ है।
प्रशासन की सफाई
पंचायत के सहायक सचिव रतिलाल बर्डे ने बताया कि पुलिया का निर्माण मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के तहत हो रहा था। इस परियोजना की 60 प्रतिशत राशि पहले ही जारी की जा चुकी थी। उनका कहना है कि पुलिया अभी निर्माणाधीन थी और कार्य पूरा नहीं हुआ था। अब पूरे मामले की जांच होगी। जांच के बाद ही यह तय किया जाएगा कि लापरवाही किसकी थी और किसानों को कितना नुकसान हुआ है।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीण अब इस मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। साथ ही किसानों ने मुआवजे की मांग भी की है, ताकि बारिश और लापरवाही से हुए नुकसान की भरपाई हो सके।