
औरैया | औरैया जिले के बिधूना क्षेत्र में रक्षाबंधन की रात एक 14 वर्षीय किशोरी के साथ हुई हैवानियत ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी किशोरी का चचेरा भाई ही था, जिसने पहले नाबालिग बहन से दुष्कर्म किया और फिर अधिक रक्तस्राव होने पर उसे मार डाला। वारदात के बाद आरोपी और उसका परिवार अंतिम संस्कार में शामिल होकर खुद को निर्दोष साबित करने का नाटक करते रहे, लेकिन पुलिस की पैनी नजर से बच नहीं सके।
घटना की शुरुआत
बिधूना के एक गांव में रहने वाली कक्षा आठ की छात्रा 9 अगस्त की रात रक्षाबंधन के अवसर पर अपने घर से लगभग 50 मीटर दूर ताऊ के घर गई थी। वहां से वह रात करीब 10 बजे वापस लौटी। अगले दिन सुबह जब वह देर तक नहीं उठी तो पास की झोपड़ी में सो रहे उसके पिता घर पहुंचे। बरामदे में चारपाई पर बेटी का शव पड़ा था, कपड़े और चादर खून से सने हुए थे।
पिता की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि हुई। सोमवार रात पिता की तहरीर पर चचेरे भाई समेत पांच लोगों के खिलाफ हत्या और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
आरोपी की भूमिका और कबूलनामा
एसपी अभिजीत आर. शंकर ने मंगलवार को घटना का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी रक्षाबंधन की रात शराब के नशे में धुत था। रात करीब 12 बजे वह खेत में शौच करने गया और लौटते समय चाचा के घर घुस गया, जहां किशोरी अकेली सो रही थी। उसने बहन को दबोचा, विरोध करने और “भइया ऐसा मत करो” कहने पर उसका मुंह दबा दिया।
दुष्कर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव होने से वह घबरा गया। उसने बहन को कपड़े पहनाए और किसी को यह बात न बता सके, इसलिए गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। आरोपी ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि वह अक्सर टीवी और मोबाइल पर क्राइम पेट्रोल जैसे अपराध-आधारित कार्यक्रम देखता था और उनसे अपराध की ‘तकनीक’ सीखने की कोशिश करता था।
अंतिम संस्कार में शामिल होकर निभाया मासूमियत का नाटक
वारदात के बाद रविवार सुबह आरोपी ग्रामीणों के साथ घटनास्थल पर मौजूद रहा। शाम को गौतमबुद्ध नगर में रह रहे चाचा के परिवार के गांव लौटने पर वह महिलाओं के साथ हत्यारे को सजा देने की मांग में भी शामिल हो गया। यहां तक कि सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव गांव लाए जाने पर उसने खुद शव को कंधा देकर अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया।
पुलिस को कैसे हुआ शक
पुलिस ने बताया कि आरोपी लगातार जांच की हर गतिविधि पर नजर रख रहा था। शव यात्रा के दौरान उसके व्यवहार और किशोरी के पिता के संदेह ने पुलिस का शक गहरा दिया। जब उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
साक्ष्य मिटाने की कोशिश
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने घटना के बाद साक्ष्य मिटाने की कोशिश की। हालांकि चादर पर खून के धब्बे और अन्य फॉरेंसिक साक्ष्यों ने उसे बेनकाब कर दिया।
गांव में तनाव, पीएसी तैनात
घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है। एहतियातन पीएसी और पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। नामजद चार अन्य आरोपियों को पुलिस ने परिवार के सुपुर्द कर दिया है, लेकिन उनकी कड़ी निगरानी की जा रही है। बिना अनुमति गांव से बाहर जाने पर रोक है।
एसपी की अपील
एसपी अभिजीत आर. शंकर ने कहा कि ऐसे मामलों में समाज को सतर्क रहना होगा। नाबालिगों की सुरक्षा और जागरूकता पर परिवार, स्कूल और समाज सभी को मिलकर काम करना होगा।