
गोपेश्वर (चमोली) | उत्तराखंड के चमोली जिले में शनिवार को एक भीषण भूस्खलन ने लोगों को दहला दिया। हेलंग क्षेत्र में निर्माणाधीन विष्णुगाड़ पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना (टीएचडीसी) के डेम साइट पर दोपहर बाद हुए इस हादसे में कम से कम आठ मजदूर घायल हो गए, जिनमें चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। भूस्खलन के समय साइट पर लगभग 40-50 मजदूर कार्यरत थे, जिनमें से 12 मजदूर सीधे चपेट में आ गए।
घटनास्थल पर अफरा-तफरी, रेस्क्यू में जुटी टीमें
दोपहर करीब 2 बजे जब मजदूर टीएचडीसी बैराज निर्माण स्थल पर काम कर रहे थे, तभी अचानक ऊपर की पहाड़ियों से भारी मात्रा में मलबा गिरने लगा। आवाज और धूल का गुबार उठते ही मजदूर जान बचाकर इधर-उधर भागे, लेकिन 12 मजदूर मलबे में फंस गए। एसडीआरएफ, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू शुरू किया गया। सभी घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
गंभीर घायलों को श्रीनगर मेडिकल कॉलेज किया गया रेफर
चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि घटना में किसी की जान जाने की सूचना नहीं है। चार मजदूरों का उपचार टीएचडीसी अस्पताल में चल रहा है, जबकि दो को पीपलकोटी स्थित स्वामी विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक अन्य घायल को श्रीनगर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। एक व्यक्ति का पीपलकोटी में प्लास्टर किया गया है।
परियोजना पर उठे सुरक्षा सवाल
विष्णुगाड़ पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। यह परियोजना टीएचडीसी (Tehri Hydro Development Corporation) द्वारा चलाई जा रही है और उत्तराखंड के लिए ऊर्जा उत्पादन का एक बड़ा स्रोत मानी जाती है। बारिश और भूस्खलन की संभावनाओं को देखते हुए पर्याप्त सुरक्षा उपायों की कमी उजागर हुई है।
मौसम विभाग की चेतावनी: अगले सात दिन भारी पड़ सकते हैं
इस बीच मौसम विभाग ने पूरे उत्तराखंड के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। देहरादून, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और बागेश्वर जैसे जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है। विभाग के मुताबिक, 7 अगस्त तक प्रदेश भर में तेज बारिश के कई दौर हो सकते हैं। साथ ही चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी और अन्य जिलों में बाढ़ का खतरा भी जताया गया है।
प्रशासन अलर्ट मोड पर, स्थानीय लोगों से अपील
जिलाधिकारी और एसडीआरएफ ने मौके पर डेरा डाल दिया है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन से संपर्क करें। साथ ही निर्माण कार्यों को भी कुछ समय के लिए रोक दिया गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।