
जयपुर | गुलाबी नगरी जयपुर एक बार फिर तीज के रंग में रंगने को तैयार है। 28 और 29 जुलाई को होने जा रहे तीज महोत्सव-2025 को लेकर शहर में जबरदस्त उत्साह है। इस बार महोत्सव की खास बात यह है कि छोटी चौपड़ पर पहली बार भव्य महाआरती का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। राज्य की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने प्रदेशवासियों को तीज की शुभकामनाएं देते हुए इस आयोजन को राजस्थानी संस्कृति का गौरव बताया।
सिटी पैलेस से होगी शाही सवारी की शुरुआत
परंपरा के अनुसार, तीज माता की शाही सवारी सिटी पैलेस (जनानी ड्योढ़ी) से शुरू होकर त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, बड़ी चौपड़ और गंगौरी बाजार से होते हुए तालकटोरा मैदान तक जाएगी। इस भव्य शोभायात्रा में सजे-धजे हाथी, ऊंट, बैलगाड़ियाँ, पारंपरिक बग्घियाँ, लोक कलाकारों की टोलियाँ और विविध झांकियाँ शामिल होंगी। शोभायात्रा में पारंपरिक राजस्थानी वाद्य यंत्रों जैसे शहनाई, ढोल-नगाड़े, बैंड की गूंज के बीच तीज माता की प्रतिमा की झलक पाने हजारों लोग उमड़ेंगे। इस दौरान सड़कों पर घोड़े, ऊंट, बैल और अन्य पशु पारंपरिक साज-सज्जा में सजे होंगे, जो दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
महाआरती बनेगी मुख्य आकर्षण
इस वर्ष तीज महोत्सव की सबसे अनोखी विशेषता है – छोटी चौपड़ पर पहली बार तीज माता की भव्य महाआरती। जयपुरवासियों और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए यह एक अनोखा धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव होगा। आरती के दौरान भक्तगण दीप जलाकर तीज माता से सुख-समृद्धि और सौभाग्य की कामना करेंगे।
लोक संस्कृति और शिल्पकला का होगा प्रदर्शन
महोत्सव के दौरान राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए शिल्पकारों द्वारा हस्तशिल्प, कपड़ा, मिट्टी और धातु के उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। राजस्थानी व्यंजनों के स्टॉल, लोक नृत्य, कालबेलिया, गौरबंद, गेर, तेरह-ताल जैसी प्रस्तुतियां जयपुर की सड़कों को जीवंत बना देंगी।
पर्यटन और सुरक्षा पर विशेष ध्यान
इस आयोजन में देश-विदेश से हजारों पर्यटकों की भागीदारी अपेक्षित है। प्रशासन द्वारा प्रवेश मार्गों, चौपड़ों और मंदिर के आसपास सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। हर प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी कैमरे और पुलिस बल की तैनाती की गई है।
सांस्कृतिक विरासत को देगा बढ़ावा
तीज महोत्सव जयपुर की सांस्कृतिक पहचान और गौरवशाली विरासत को विश्व मंच पर पेश करने का अवसर बनता जा रहा है। हर वर्ष की तरह इस बार भी यह आयोजन राजस्थानी संस्कृति, लोक कला और परंपरा का भव्य मिलन होगा, जिससे जयपुर पर्यटन को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।