
बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक विवाहिता ने अपने पति पर जबरन अप्राकृतिक संबंध बनाने, बेरहमी से मारपीट करने और घर से निकाल देने का गंभीर आरोप लगाया है। महिला ने इस मामले को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता का कहना है कि उसने पूर्व में भी कई बार पुलिस और अदालत में शिकायत की, लेकिन बच्चों की खातिर हर बार समझौता करती रही। अब उसके सब्र का बांध टूट गया है।
महिला बदायूं के कुंवरगांव कस्बे की रहने वाली है। उसने एसएसपी को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उसकी शादी करीब 18 साल पहले एक युवक से हुई थी। उनके तीन बच्चे हैं — एक बेटी और दो बेटे। महिला के अनुसार, शादी के शुरू से ही पति का व्यवहार अमानवीय रहा है। वह न केवल मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करता रहा, बल्कि कई बार उसके साथ जबरन अप्राकृतिक संबंध भी बनाता रहा।
12 जुलाई की रात हुई क्रूरता की हदें पार
पीड़िता ने अपने शिकायती पत्र में लिखा कि 12 जुलाई की रात करीब 12 बजे वह अपने कमरे में सो रही थी, तभी उसका पति वहां आया और जबरदस्ती उसके साथ अप्राकृतिक संबंध बनाने लगा। जब उसने इसका विरोध किया तो वह बौखला गया और बेरहमी से मारने-पीटने लगा। महिला के अनुसार, पिटाई के दौरान उसे गंभीर चोटें आईं, खासकर चेहरे पर।
सुबह होते ही घर से निकाला
अगले दिन, यानी 13 जुलाई की सुबह आरोपी पति ने महिला को घर से निकाल दिया। पीड़िता ने बताया कि उसने कुंवरगांव थाने में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। थक-हार कर अब वह एसएसपी के पास पहुंची है और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ मेडिकल परीक्षण कराने की मांग की है।
पहले भी हो चुकी हैं शिकायतें
महिला का कहना है कि शादी के बाद से ही वह अत्याचार सह रही है। उसने कई बार अपने पति के खिलाफ पुलिस और न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन हर बार बच्चों के भविष्य की खातिर समझौता कर लिया। अब स्थिति इस हद तक बिगड़ गई है कि वह अपने और बच्चों के जीवन की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
पुलिस ने कहा— जांच जारी है
इस मामले में कुंवरगांव थाना प्रभारी वेदपाल सिंह ने बताया कि दंपती के बीच लंबे समय से घरेलू विवाद चल रहा है। शिकायत प्राप्त हुई है और जांच की जा रही है। सबूतों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
समाज में चिंता और आक्रोश
इस घटना के सामने आने के बाद स्थानीय स्तर पर लोगों में आक्रोश है। महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह की घटनाओं में कठोर से कठोर कार्रवाई हो, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। यह मामला एक बार फिर दर्शाता है कि घरेलू हिंसा और वैवाहिक जीवन में यौन उत्पीड़न की घटनाएं आज भी समाज में गहराई से जड़ें जमाए हुए हैं, जिन्हें रोकने के लिए संवेदनशीलता, कड़ी कानूनी कार्रवाई और सामाजिक जागरूकता की सख्त आवश्यकता है।