नैनीताल। पतियों की रोकटोक से परेशान महिलाएं ससुराल छोड़ रही हैं। नशे में महिलाओं को पीटने और दहेज का लालच भी कई घरों के टूटने का कारण बन रहा है। महिला समाधान केंद्र में बीते छह महीनों में 497 मामले पहुंचे हैं जिनमें 50 फीसदी मामलों में महिलाओं ने पतियों के रोकटोक करने पर नाराजगी जताई है। वहीं पति के शराब पीकर मारपीट करने के मामलों में भी 125 से अधिक महिलाओं ने न्याय की गुहार लगाई है। इसके अलावा छह माह में 250 से अधिक ऐसे मामले पुलिस के पास पहुंचे हैं जिनमें महिलाओं के साथ दहेज कम लाने के कारण हिंसा हुई है।
केस एक – रामनगर निवासी एक महिला ने पुलिस को शिकायती पत्र देकर कहा कि उसकी शादी आठ माह पहले हल्द्वानी निवासी एक युवक से हुई है। पति ने शादी के बाद से ही उसके घर से बाहर आने-जाने पर रोक लगा दी। वहीं बार–बार किसी न किसी वजह से उसे ससुराल में टोका जाता है। महिला हेल्पलाइन में काउंसलिंग कर पति-पत्नी को समझाया गया लेकिन बात नहीं बनी। इस कारण महिला ने पति से अलग रहने का फैसला लिया है।
केस दो – कालाढूंगी निवासी एक महिला ने पुलिस को शिकायती पत्र देकर बताया कि उसकी शादी एक साल पहले काठगोदाम निवासी एक युवक से हुई थी। महिला ने पत्र में कहा है कि पति घर से बाहर निकालने और रिश्तेदारों के यहां जाने पर रोकटोक करता है। कहा कि बर्थडे पार्टी में भी उसे नहीं जाने दिया गया। महिला हेल्पलाइन की ओर से पति-पत्नी की काउंसलिंग कराई गई जहां दोनों ने साथ रहने से इनकार कर दिया।
केस तीन – बनभूलपुरा निवासी एक महिला ने पुलिस को पत्र देकर कहा कि उसकी शादी दो साल पहले काशीपुर निवासी एक युवक से हुई है। महिला का कहना है कि घर में सहेलियां आने पर पति विवाद करने लगता है। सहेलियों के साथ बाहर जाने पर भी युवक रोकटोक करता है। काउंसलिंग में काफी समझाने के बाद भी दोनों ने साथ रहने से इनकार कर दिया।
केस चार – दमुवाढूंगा निवासी महिला ने शिकायत देकर कहा कि शादी के बाद से ससुराली दहेज कम लाने के लिए परेशान करते थे। पांच माह पहले उसने घर में हुए आयोजन में अपनी सहेलियों को बुलाया लेकिन पति और ससुराली इससे नाराज हो गए। तब से महिला मायके में रह रही है। काउंसलिंग हुई तो पति ने महिला पर किटी पार्टी जैसे आयोजनों में फिजूल खर्ची का आरोप लगा दिया।
अधिक उम्र के जोड़े भी छोड़ रहे साथ
पुलिस के पास कई मामले पहुंचे हैं जिनमें वर्षों साथ रहने के बावजूद पति-पत्नी में नहीं बन रही है। शादी के 30 साल से अधिक समय बिता चुके जोड़े रजामंदी से अलग होना चाहते हैं। वहीं, पति-पत्नी दोनों के नौकरी में होने पर सामंजस्य बिगड़ने से कई जोड़ों में अनबन हो रही है। बीते छह महीनों में 20 फीसदी ऐसे मामले पहुंचे हैं जिनमें पति और पत्नी अलग-अलग शहर में नौकरी करते हैं। एकल जीवन भी रिश्तों में बाधा बन रहा है।
आपसी तालमेल बिगड़ने से कई तरह के जोड़े काउंसलिंग के लिए पहुंचते हैं। पुलिस के प्रयास से अधिकतर 75 फीसदी मामलों में सुलह हो जाती है जिन मामलों में काउंसलिंग के बाद भी सुलह नहीं होती है उनमें आगे की कार्रवाई की जाती है।
– पीएन मीणा, एसएसपी, नैनीताल