ऊधम सिंह नगर। खटीमा में रविवार सुबह आठ बजे से सोमवार सुबह आठ बजे तक 278 मिलीमीटर बारिश हुई। बारिश से आई बाढ़ के कारण घरों में पानी घुस गया। इससे क्षेत्र की करीब ढाई लाख की आबादी परेशान रही। अनहोनी के डर से लोग रातभर सो नहीं पाए। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस प्रशासन की टीम ने जलभराव में फंसे करीब 250 लोगों को रेस्क्यू किया। डीएम उदयराज सिंह ने भी शारदा नहर के आसपास और अन्य स्थानों पर जलभराव का निरीक्षण किया।
खटीमा में रविवार शाम से शुरू बारिश का सिलसिला सोमवार दिनभर जारी रहा। इससे सीएम के गांव नगला तराई सहित अमाऊ, राजीवनगर, मेलाघाट मार्ग, खटीमा रेलवे स्टेशन मार्ग, हल्दी, नगला तराई, सुनपहर, चकरपुर, वन रावत बस्ती, पचौरिया , कंजाबाग, पकड़िया, झनकईया, झनकट, इस्लाम नगर आदि क्षेत्रों में बाढ़ का पानी चढ़ता गया। क्षेत्र की करीब 50 से अधिक कॉलोनियां भी बाढ़ से प्रभावित रही। घबराकर कई लोग मकानों की छत पर चढ़ गए। बारिश में कई लोगों का सामान बह गया।
सितारगंज मार्ग पर बारिश सीएसडी कैंटीन के भवन की दीवार ढह गई। कई मकानों के बगल की सड़क पानी में बह गई। पचौरिया में रेलवे के अंडरग्राउंड पुल में भी पानी भर गया। लोगों की मदद के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों की टीमें ट्रैक्टरों से पहुंचती नजर आईं। लोहियाहेड के जंगलों के अलावा चौड़ापानी गांव के खेतों में भरा बरसाती पानी क्वीरा गज्जर के पास से शारदा नहर में जाता है। सोमवार सुबह करीब चार बजे कालापुल के बरसाती व सूखानाले के पानी के दबाव से घटूरिया देवता मंदिर से कुछ दूर आगे पल्लासेन गांव के पास शारदा नहर का बंधा अचानक टूट गया।
इससे नालों का पानी व धान के रोपे गए पौधे बहकर शारदा नहर में समा गए। बंधा टूटने का पता चलने पर मौके पर पहुंचे लोगों ने सिंचाई विभाग और लोहियाहेड पावर हाउस के अधिकारियों को इसकी सूचना दी। ग्रामीणों ने बताया कि यदि घटना के समय शारदा नहर पूरे उफान पर होती तो इससे भारी नुकसान हो सकता था, लेकिन शारदा नहर के बंद के कारण बड़ा हादसा बच गया। पानी के बहाव में सूखापुल निवासी कल्याण सिंह ऐरी का मोटर पंप के लिए बनाया गया कमरा बह गया। सूखानाले से पल्लाभाग गांव को जाने वाला रपटा भी बह गया।
खटीमा क्षेत्र के जलमग्न होने के दौरान जहां लक्जरी गाडियां फेल हो गईं, वहीं ट्रैक्टर लोगों का सहारा बने। पानी खराब हुई गई कारों को ट्रैक्टर सड़क पर खींचते नजर आए। अधिकारी वर्ग भी ट्रैक्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते नजर आए। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें प्रत्येक कॉल पर मौके पर पहुंचती रहीं। टीमों ने खटीमा उलधन, फुलैया, अमाउ, हल्दी, पकड़िया, चकरपुर, नगला तराई आदि क्षेत्रों में जल भराव में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया। संवाद
खटीमा में खकरा और ऐंठा नाले के उफनाने से सबसे अधिक जलभराव की समस्या हुई। लोगों का कहना था कि बरसात से पहले दोनो नालों की ठीक से सफाई नहीं हुई। दोनों नालों में कूड़ा भरा हुआ था, यदि नालों की ठीक से सफाई होती तो ऐसे हालात नहीं होते। बारिश की वजह से रविवार देर रात खटीमा में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई। सोमवार दिनभर भी आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी। इस कारण सारे कामकाज ठप रहे। कई लोग घरों की टंकियों में पानी भी नहीं चढ़ा पाए। वहीं संचार सेवाएं भी बाधित होने से लोग अपनों से संपर्क कर कुशलक्षेम नहीं पूछ सके।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की कई दुकानों में पानी घुस गया है। अभी व्यापारियों ने प्रतिष्ठान नहीं खोले हैं। ऐसे में नुकसान का आकलन नहीं हो सकता है। रुद्रपुर में सोमवार सुबह आठ बजे तक 89 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। अकेले खटीमा में 278 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। जिले की कैलाश, जगबूढ़ा और परवीन नदी का जलस्तर चेतावनी लेवर को पार कर चुका है। मूसलाधार बारिश से खटीमा और सितारगंज क्षेत्र में लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ा।
नदी और नालों का पानी आबादी में आने से सैकड़ों परिवार प्रभावित हो गए। घरों में कई फुट तक पानी जमा हो गया है। हालात को देखते हुए प्रशासन को पुलिस के साथ ही एसडीआरएफ को उतारना पड़ा। लोगों को नावों से बाहर निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया। मौके पर प्रशासनिक अमला भी डटा रहा। तेज बारिश से जिले की कई नदियां चेतावनी बिंदु को पार कर गई है तो कई करीब बह रही हैं। यही हालात बने रहे तो एक-दो दिन में नदियां खतरा बिंदु को भी पार कर जाएंगी।
शहर में दो दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश से शिवनगर, आजाद नगर, श्मशान घाट रोड आदि कई मोहल्लों के दर्जनों घरों में कल्याण व बैगुल नदी का पानी घुस गया। इससे कई परिवारों के जरूरी सामान बर्बाद हो गए। लोगों ने रातभर रतजगा कर काटी। डीडी चौक, रोडवेज, इंद्रा कॉलोनी, आवास विकास, सिंह कॉलोनी, गाबा चौक आदि मोहल्लों में सड़क व आबादी वाले हिस्से में पानी भर गया।