रामपुर। खजुरिया थाने में महिला सिपाही आरजू द्वारा थानाध्यक्ष राजीव कुमार को डंडा मारने के मामले की विभागीय जांच शुरू हो गई है। सीओ स्वार संगम कुमार ने खजुरिया थाने पहुंचकर थानाध्यक्ष राजीव कुमार और हमला करने की आरोपी निलंबित महिला सिपाही समेत नौ पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए। सभी ने अपना-अपना पक्ष रखा।
वहीं आरोपी महिला सिपाही की तहरीर पर दूसरी सिपाही अमृता के खिलाफ स्कूटी तोड़ने के मामले की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मूलरूप से बिजनौर निवासी खजुरिया थाने में तैनात महिला सिपाही आरजू से सोमवार शाम साथी सिपाही अमृता भूषण किसी काम के लिए स्कूटी मांगकर ले गई थी।
इस दौरान एक वाहन की टक्कर से स्कूटी क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिसको लेकर दोनों महिला सिपाहियों में विवाद हो गया था। दोनों के विवाद में खजुरिया थानाध्यक्ष राजीव कुमार ने दखल दिया तो आरजू मामले में मुकदमा दर्ज कराने पर अड़ गई।
आरोप है कि मामले में थानाध्यक्ष ने रिपोर्ट लिखने से इनकार किया तो आरजू ने डंडा उठाकर थानेदार के हाथ में दे मारा था, जिससे उनका हाथ जख्मी हो गया। मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में पहुंचा तो एसपी ने महिला सिपाही आरजू को एसपी ने सस्पेंड कर दिया था। साथ ही विभागीय जांच बैठा दी थी।
सीओ स्वार ने अब इस मामले की जांच शुरू कर दी है। बृहस्पतिवार को सीओ स्वार ने खजुरिया थाने पहुंचकर एसओ राजीव कुमार के साथ ही मौके पर मौजूद रहे पुलिसकर्मियों व हमला करने वाली निलंबित महिला सिपाही आरजू व दूसरी महिला सिपाही अमृता के बयान दर्ज किए। जांच पूरी करने के बाद सीओ रिपोर्ट एसपी को सौंपेंगे।
खजुरिया थाने में थानेदार को डंडा मारने के प्रकरण की गूंज लखनऊ तक पहुंच गई। महिला सिपाही आरजू को निलंबित किया गया था, जिसके बाद महिला सिपाही ने पुलिस कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए वीडियो वायरल कर दिया।
यह वीडियो लखनऊ तक पहुंचा तो पुलिस ने दबाव में आकर आरोपी महिला सिपाही की तहरीर पर स्कूटी मांगकर ले जाने वाले महिला सिपाही अमृता पर मुकदमा दर्ज कर लिया। लखनऊ से पुलिस के आला अधिकारियों ने मामले का संज्ञान ले लिया है।