गूलरभोज। तराई केंद्रीय वन प्रभाग के जंगलों में सक्रिय तस्कर वनकर्मियों की जान लेने पर उतारू हैं। पीपलपड़ाव रेंज में तस्करों ने वन गश्ती दल पर दिनदहाड़े फायर झोंक दिए। इस दौरान पाटल से हुए हमले में एक वन कर्मी घायल हो गया। तस्कर फायरिंग करते हुए अपने साथियों के साथ फरार हो गए। वनकर्मी ने पुलिस को नामजद तहरीर सौंपी है।
सोमवार सुबह करीब 11 बजे वन दरोगा योगेश चोपड़ा, वन रक्षक हरेन्द्र कुमार टीम के साथ पीपलपड़ाव रेंज के पड़किया की पश्चिमी बीट के प्लॉट सं 89 में गश्त कर रहे थे। इसी बीच आठ सागौन और खैर से लदी बाइकों पर सवार करीब 15 लोग टीम को सामने से आते दिखाई दिए। रोकने पर लकड़ी तस्कर सोनू ने पाटल से गश्ती दल पर हमला कर दिया। हमले में रोपण रक्षक जाने अली घायल हो गया। घायल वनकर्मी का सीएचसी गदरपुर में प्राथमिक इलाज करवाया गया।
आरोप है कि तस्करी में शामिल कुलदीप सिंह ने टीम पर दो राउंड फायर झोंक दिए। जिसमें वन आरक्षी विरेंद्र सिंह बाल-बाल बच गए। इसी बीच तस्कर मौके पर लकड़ी छोड़कर साथियों के साथ बाइक लेकर फरार हो गए। वन कर्मी राजेंद्र सिंह की ओर से पांच नामजद सहित 15 लोगों के खिलाफ पुलिस चौकी गूलरभोज में तहरीर दी है। घटना की सूचना मिलने पर डीएफओ यूसी तिवारी और रेंजर रूप नारायण गौतम पुलिस चौकी पहुंचे और घटना की जानकारी ली।
घटना की जानकारी मिली है। विभाग की ओर से तहरीर दी गई है। मामले की जांच कराई जा रही है। तस्करों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
-एआर आर्या, सीओ बाजपुर।
सोमवार सुबह तस्करों ने जंगल में वन विभाग के गश्तीदल पर हमला किया है। हमले में एक वन कर्मी घायल हुआ है। हमलावरों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। हमले में शामिल सभी आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। लकड़ी तस्करी रोकने के लिए रणनीति बनाई जा रही है।
–यूसी तिवारी, डीएफओ, तराई केंद्रीय वन प्रभाग।
गूलरभोज। वनकर्मियों और तस्करों के बीच भिड़ंत की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई बार वनकर्मियों पर हमले हो चुके हैं। जून 2019 में तस्करों की फायरिंग में थापा नगला में वाचर बहादुर की मौत हो गई थी जबकि दूसरा वाचर महेंद्र सिंह घायल हो गया था। वहीं फरवरी 2021 में हुई फायरिंग में ककराला निवासी गुरमीत सिंह घायल हो गया है।
18 दिसंबर 2023 में खनन माफिया व वन कर्मियों के बीच फायरिंग हुई थी। हालांकि, इसमें किसी को चोट नहीं पहुंची थी। 20 दिसंबर 2023 को वन कर्मियों व लकड़ी तस्करों में हुई फायरिंग में वनकर्मी बाल-बाल बच गए थे। इसके अलावा दिसंबर में खनन माफिया वनकर्मियों से अवैध खनन की ट्रैक्टर ट्रॉली दिनदहाड़े दिनेशपुर क्षेत्र से छुड़ाकर ले गए थे। संवाद