देहरादून। उत्तराखंड के नरेंद्रनगर में जी-20 की तीसरी इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक 26 से 28 जून तक आयोजित होगी। इसमें जी-20 सदस्यों में 16 देशों के प्रतिनिधि प्रत्यक्ष रूप से, चार देशों के वर्चुअली हिस्सा लेंगे। बैठक में पहले दिन शहरों के मूलभूत ढांचागत विकास पर निजी समूहों की भागीदारी पर चर्चा होगी। रविवार को भी कई देशों के प्रतिनिधि बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे।
रविवार को नरेंद्रनगर स्थित होटल वेस्टर्न रिसॉर्ट एंड स्पा हिमालयाज में आर्थिक मामलों के विभाग के संयुक्त सचिव सोलोमन अरोकियाराज ने प्रेसवार्ता में तीन दिवसीय कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जी-20 इंफ्रास्ट्रक्चर कार्यसमूह की बैठक सोमवार से शुरू होगी। इसमेंे जी-20 देशों और अन्य के 63 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जिनमें आठ आमंत्रित देशों के प्रतिनिधि और विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि कार्यसमूह की बैठक के पहले दिन शहरों में मूलभूत ढांचागत विकास पर चर्चा होगी। कैसे हम अपने भविष्य के शहरों का विकास करें कि इसमें रहने वाले लोगों को समान रूप से सुविधाएं मिल सकें। इसके अलावा शहरों के ढांचागत विकास में सरकार के अतिरिक्त निजी संस्थाओं की भागीदारी बढ़ाने और उनका योगदान सुनिश्चित करने पर चर्चा होगी। इसके अलावा प्राकृतिक चुनौतियों से लड़ने के लिए आपसी सामंजस्य पर बल दिया जाएगा।
इस अवसर पर वित्त मंत्रालय के निदेशक अमन गर्ग व निदेशक जितेंद्र राजे ने बताया कि भारत के नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से राउंड टेबल चर्चा की जाएगी। इसमें भारतीय विमानन उद्योग के ढांचे को मजबूत करने और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाने के लिए विशेषज्ञों के साथ बात होगी। 28 जून को सभी डेलिगेट्स उत्तराखंड के मॉडल विलेज ओणी गांव का दौरा करेंगे। इसके अलावा त्रिवेणी घाट की संध्याकालीन गंगा आरती में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधियों को उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत से जोड़ने के लिए बैठक के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
आईडब्ल्यूजी बैठकों के दौरान दो सेमिनार का आयोजन भी किया जाएगा। 26 जून को एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक के साथ साझेदारी में शहरों के ढांचागत विकास पर चर्चा होगी। इसमें भविष्य के शहरों का समावेशी विकास, प्रौद्योगिकी, इंफ्राटेक और डिजीटलीकरण की भूमिका पर चर्चा की जाएगी प्रतिनिधि इंडोनेशिया में दुनिया के सबसे महत्वाकांक्षी शहरों में से एक नए शहर नुसंतारा के विकास के मॉडल को समझेंगे।
27 जून को देश को सिविल एविएशन में एमआरओ (मेंटीनेंस, रिपेयर एंड ओवरऑल) हब बनाने पर एक सेमिनार में चर्चा की जाएगी। देश में विमानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन, वर्तमान में मेंटीनेंस, रिपोयर और दूसरे कामों के लिए हम दूसरे देशों पर निर्भर हैं। इस पैसे को बाहर जाने से कैसे रोका जाए, इस पर 10 से 12 विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे।
बैठक में भाग लेने वाले विभिन्न देशें के प्रतिनिधियों को उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक दिखाई जाएगी। इसके अलावा उन्हें स्थानीय व्यंजन परोसे जाएंगे। रात्रि भोज पर संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। 26 और 27 जून की सुबह प्रतिनिधि ‘योग रिट्रीट’ का हिस्सा बनेंगे।
जी-20 की बैठक के लिए विशेष तौर पर चकाचक किए गए रानीपोखरी-नरेंद्रनगर मार्ग ने एन वक्त पर धोखा दे दिया। बारिश के चलते मार्ग पर कुछ स्थानों पर भूस्खलन के कारण मलबा आ गया। इधर, 25 को ही विभिन्न देशों के प्रतिनिधि पहुंचने शुरू हो गए थे, लेकिन रानीपोखरी-नरेंद्रनगर मार्ग बंद होने के कारण उन्हें बाया ऋषिकेश से नरेंद्रनगर पहुंचाया गया। हालांकि इस दौरान मार्ग को जीरो जोन में तबदील कर दिया गया था।