देहरादून। प्रदेश के निजी आयुर्वेदिक और तकनीकी कॉलेजों की फीस छह दिसंबर को तय कर दी जाएगी। उच्च शिक्षा सचिव एवं प्रवेश, शुल्क नियामक समिति के सदस्य सचिव शैलेश बगोली के मुताबिक, अभी उन आयुर्वेदिक और तकनीकी कॉलेजों की फीस तय की जाएगी, जिनकी सब कमेटी नियामक समिति को अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है।
प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति की प्रदेश के निजी आयुर्वेदिक एवं तकनीकी कॉलेजों की फीस को लेकर शुक्रवार को शासन में बैठक हुई। बैठक में सब कमेटियों को कहा गया कि संबंधित कॉलेजों की फीस का आकलन कर 30 नवंबर तक समिति को रिपोर्ट सौंप दी जाए, जिसे विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर चार दिसंबर तक इस पर आपत्तियों का निपटारा कर लिया जाएगा। इसके बाद छह दिसंबर को फीस तय कर जाएगी।
शुल्क नियामक समिति के सदस्य सचिव ने कहा कि पांच निजी कॉलेज फीस को लेकर पेपर जमा नहीं कर पाए हैं। उन्हें भी इसके लिए 10 दिसंबर तक का समय दिया गया है। इसके बाद उनकी फीस पर निर्णय ले लिया जाएगा। बैठक में प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति के अध्यक्ष न्यायाधीश महबूब अली (सेनि), नोडल अधिकारी एएस उनियाल आदि मौजूद रहे।
प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति के मुताबिक, प्राइवेट कॉलेजों में प्रोफेशनल कोर्स की फीस कॉलेज में मुहैया संसाधनों के आधार पर तय की जाएगी। फीस तय करने के लिए 67 पेज का जो प्रारूप तैयार किया गया है। अभी उसी के आधार पर फीस तय की जाएगी। फीस तीन साल के लिए तय की जाएगी, जबकि नए आवेदनों पर अगले साल से नए प्रारूप के अनुसार फीस तय होगी।
निजी कॉलेजों पर फीस को लेकर मनमानी के आरोप लगते रहे हैं। कुछ कॉलेज यूजीसी के मानक के अनुसार, शिक्षकों को वेतन एवं छात्र-छात्राओं को सुविधा नहीं देते, पर अधिक फीस लेते हैं, जबकि कुछ सुविधाएं देते हैं और फीस भी पूरी लेते हैं। इसमें पारदर्शिता को लेकर समिति फीस तय कर रही है।