देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की जिन भर्ती परीक्षाओं के नतीजे आ गए हैं, वे रद्द नहीं होंगी। इन परीक्षाओं की जांच में उन्हीं उम्मीदवारों की परीक्षा निरस्त की जाएगी, जो दोषी पाए जाएंगे। लोक सेवा आयोग को जो 23 भर्ती परीक्षाओं का जिम्मा सौंपा गया है, उन्हें मिशन मोड पर कराने के लिए राज्य सरकार अतिरिक्त मैन पावर मुहैया कराएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा…
- मेरे पास नौजवान यह शिकायत लेकर आए थे कि लंबे समय से आयोग की भर्तियों के पेपर लीक हो रहे हैं। पेन ड्राइव से नकल हो रही है। मुझे लगा कि ये संगठित गिरोह का काम है। इसकी सख्ती से जांच होनी चाहिए। हमने एसटीएफ को जांच दी। एसटीएफ अब तक 38 गिरफ्तारी कर चुकी है। हम ऐसी नजीर पेश करने जा रहे हैं कि कोई गड़बड़ी करना तो दूर भविष्य में ऐसा करने की कोई सोचेगा भी नहीं।
- आयोग की छवि साफ सुथरी है। हमारी कोशिश होगी कि सभी लंबित परीक्षाएं जल्द से जल्द हो जाएं। आप देखेंगे आयोग जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू कर देगा। भर्ती परीक्षाएं कराने के लिए आयोग को हम अतिरिक्त मैन पावर दे रहे हैं। भर्तियां मिशन मोड में होंगी। मैं स्पष्ट कर दूं कि जिन परीक्षाओं के नतीजे आ चुके हैं, उन्हें रद्द नहीं किया गया है। एसटीएफ की जांच में इन परीक्षाओं में जो लोग दोषी होंगे उन्हें छोड़कर बाकी सभी उम्मीदवारों को ज्वाइनिंग दी जाएगी।
- मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बच्चों का भविष्य है। जो सही है वह सब किया जाएगा। पहली प्राथमिकता राज्य के होनहार, मेहनतकश बेटे-बेटियों को स्वस्थ, पारदर्शी और समयबद्ध भर्ती परीक्षा का माहौल देना है। मैंने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे खाली पड़े पदों के लिए जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार कर आयोग को भेजें। विभागों में ऐसे करीब 25 हजार खाली पद हैं जिन्हें युद्धस्तर पर भरे जाने की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। सात हजार पदों की भर्ती का फैसला कल कैबिनेट ने ले भी लिया है।
- देखिये पूर्व में हुई भर्तियों में घपले नासूर बन गए थे। इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। ऐसे मामलों से बेशक कुछ तकलीफ होती है। लेकिन व्यवस्था को बदलना है तो कुछ तो झेलना पड़ता ही है। हम जब एक सड़क बनाते हैं तो उसके लिए भी हल्ला मचता है और कई अड़चनों का सामना करना पड़ता है। ये तो हमारे बच्चों के भविष्य से जुड़ा मसला है। इसमें कोई समझौता नहीं।
- मुझे जैसे ही इस बारे में पता चला मैंने विधानसभा अध्यक्ष से जांच कराने का अनुरोध किया। मेरे अनुरोध पर उन्होंने जांच कमेटी गठित की। मामला किसी भी कालखंड का क्यों न हो, जहां अनियमितता होगी, वहां कार्रवाई भी जरूर होगी।
- हम महिलाओं के आरक्षण के लिए लड़ेंगे। चाहे हमें अध्यादेश लाना पड़े या सुप्रीम कोर्ट जाना पड़े हम दोनों विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। मैंने राज्यपाल से राज्य आंदोलनकारियों का बिल लौटाने का अनुरोध किया था। अब हम इसका परीक्षण कर रहे हैं।