
हरिद्वार। जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार अभियान को लेकर जिला प्रशासन अब पूरी तरह सख्त नजर आ रहा है। इसका अनोखा और प्रभावशाली उदाहरण बुधवार को हरिद्वार जिले के खानपुर क्षेत्र के मुंडलाना में आयोजित शिविर के दौरान देखने को मिला, जब शिविर में देर से पहुंचे अधिकारियों को मुख्य विकास अधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र ने सार्वजनिक रूप से जवाबदेह ठहराया। उन्होंने न सिर्फ लापरवाह अधिकारियों को माला पहनाई, बल्कि वहां मौजूद अन्य अधिकारियों और आम जनता से तालियां बजवाकर ऐसा संदेश दिया, जो लंबे समय तक प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बना रहेगा।
शिविर में सीडीओ डॉ. ललित नारायण मिश्र समय से पहले पहुंच गए थे और उन्होंने तय समय पर ही जनता की समस्याओं की सुनवाई शुरू कर दी। जब कुछ विभागों के अधिकारी तय समय से देरी से पहुंचे तो सीडीओ ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए मौके पर ही उन्हें जिम्मेदारी का अहसास कराने का तरीका अपनाया। पहले तो देर से पहुंचे अधिकारियों का औपचारिक स्वागत माला पहनाकर किया गया, लेकिन जब सीडीओ ने मंच से संबोधन शुरू किया, तब साफ हो गया कि यह सम्मान नहीं बल्कि चेतावनी है।
सीडीओ ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जन-जन के द्वार अभियान सरकार की प्राथमिकता है और इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिविरों का उद्देश्य जनता की समस्याओं का समयबद्ध समाधान है, न कि औपचारिकता निभाना। देर से पहुंचे अधिकारियों में आपूर्ति विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी और सिंचाई विभाग के अभियंता शामिल थे, जिन्होंने मंच से अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी भी मांगी।
मुख्य विकास अधिकारी ने यह भी कहा कि पूरे मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी के संज्ञान में लाई जाएगी। उन्होंने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी कि यदि भविष्य में किसी भी शिविर में किसी विभाग की ओर से लापरवाही सामने आई, तो जिलाधिकारी की संस्तुति पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीडीओ की इस सख्त चेतावनी के बाद शिविर में मौजूद कई अधिकारी सहमे हुए नजर आए और संदेश साफ था कि अब समय पालन और जिम्मेदारी से कोई समझौता नहीं होगा।
इधर, जन-जन के द्वार अभियान के तहत जिले के तीन विकास खंडों में पहले चरण में शिविरों का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में आयोजित इन शिविरों के पहले दिन कुल 30 मामलों का मौके पर ही निस्तारण किया गया। शिविरों में विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाए गए, जहां लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई और पात्र लाभार्थियों को मौके पर ही लाभ भी प्रदान किया गया।
विकासखंड बहादराबाद में आयोजित बहुउद्देश्यीय शिविर में विभिन्न विभागों से जुड़ी 40 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें अतिक्रमण, पैमाइश, सिंचाई, जंगली जानवरों से फसलों को नुकसान और राशन कार्ड से संबंधित समस्याएं प्रमुख रहीं। इनमें से 18 शिकायतों का मौके पर ही समाधान कर दिया गया, जबकि शेष मामलों को जल्द निस्तारण के निर्देशों के साथ संबंधित विभागों को सौंपा गया।
विकासखंड नारसन के जूनियर हाईस्कूल मुंडलाना में आयोजित शिविर में 28 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 12 का तत्काल निस्तारण किया गया। वहीं विकासखंड खानपुर में उपजिलाधिकारी सौरभ असवाल की अध्यक्षता में आयोजित शिविर में एक भी फरियादी के न पहुंचने पर सवाल खड़े हो गए। क्षेत्रीय लोगों ने आरोप लगाया कि शिविर की पूर्व सूचना ठीक से नहीं दी गई, जबकि प्रशासन का कहना था कि यदि लोगों को जानकारी होती तो कई समस्याओं का समाधान मौके पर ही संभव था।
कुल मिलाकर, हरिद्वार में आयोजित इस शिविर ने यह साफ कर दिया कि प्रशासन अब जन-जन के द्वार अभियान को केवल औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जवाबदेही और अनुशासन से जुड़ा मिशन मानकर आगे बढ़ रहा है, जहां लापरवाही करने वालों के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी जाएगी।




