
देहरादून। प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए की जा रही कार्रवाई के दौरान लगातार बढ़ रही हिंसक घटनाओं को देखते हुए उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब विजिलेंस टीमों के साथ 16 पीआरडी जवान तैनात किए जाएंगे। इनमें से आठ जवान गढ़वाल और आठ कुमाऊं जोन के लिए होंगे।
विजिलेंस टीमों पर छापेमारी के दौरान मारपीट और हमलों की घटनाएं लगातार सामने आ रही थीं, कई मामलों में इंजीनियर गंभीर रूप से घायल हुए। कई अभियानों में स्थानीय पुलिस तुरंत उपलब्ध न होने के कारण विजिलेंस टीमों को जोखिम उठाना पड़ा। इस स्थिति पर एक मई को हुई यूपीसीएल की 123वीं बोर्ड बैठक में विस्तार से चर्चा की गई थी।
दोनों जोन में महिला जवानों के लिए आरक्षित पद
यूपीसीएल ने जारी आदेश के अनुसार, कुल 16 पीआरडी जवानों में गढ़वाल और कुमाऊं—दोनों जोन में तीन-तीन पद महिला जवानों के लिए आरक्षित किए गए हैं। विजिलेंस कार्रवाई के दौरान महिलाओं से जुड़े मामलों में इनकी तैनाती विशेष भूमिका निभाएगी।
11 माह की नियुक्ति, तबादला नहीं होगा
पीआरडी जवानों की तैनाती 11 माह के संविदा कार्यकाल पर होगी। इसके बाद अधिशासी अभियंता, विजिलेंस के प्रस्ताव पर अगला कार्यकाल तय किया जाएगा। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि इन जवानों को विजिलेंस इकाई से हटाकर किसी अन्य ड्यूटी पर नहीं लगाया जा सकेगा और उनका तबादला भी स्वीकार्य नहीं होगा।
बिजली चोरी रोकने में मिलेगी मजबूती
यूपीसीएल अधिकारियों का मानना है कि पीआरडी जवानों की मौजूदगी से विजिलेंस टीमों की सुरक्षा बढ़ेगी और बिजली चोरी के विरुद्ध अभियान अधिक प्रभावी और निर्भीक रूप से चलाया जा सकेगा। हाल के वर्षों में बिजली चोरी के मामलों में वृद्धि के साथ-साथ हिंसक प्रतिरोध भी बढ़ा है, जिसके कारण टीमों को अतिरिक्त सुरक्षा देना आवश्यक हो गया था। इस कदम को बिजली विभाग में सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है।




