
देहरादून। कैंट थाना क्षेत्र के ओएनजीसी चौक पर हुए दिल दहला देने वाले सड़क हादसे को एक साल से अधिक समय बीत चुका है। आखिरकार पुलिस ने गुरुवार को इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। घटना में कंटेनर चालक रामकुमार, कंटेनर मालिक नरेश गौतम और किराये पर संचालन करने वाले अभिषेक चौधरी को आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने इस चार्जशीट में कुल 60 लोगों को गवाह बनाया है। हालांकि, हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए सिद्धेश अग्रवाल का बयान अब भी दर्ज नहीं हो पाया है, जो जांच के दौरान एक बड़ी बाधा बना रहा।
यह हादसा 11 नवंबर की रात करीब सवा बजे हुआ था, जब तेज रफ्तार कार ओएनजीसी चौक पर सामने चल रहे कंटेनर से जा टकराई। इस भीषण दुर्घटना में गुनीत, कुणाल कुकरेजा, ऋषभ जैन, नव्या गोयल, अतुल अग्रवाल और कामाक्षी समेत छह दोस्तों की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि सिद्धेश अग्रवाल गंभीर रूप से घायल हुए थे।
घटना के समय ओएनजीसी चौक के सीसीटीवी कैमरे बंद थे, जिससे शुरुआती जांच में कई रुकावटें आईं। पुलिस को दुर्घटना तक पहुंचने वाले वाहन के रूट का भी पता लगाने में कई दिन लग गए। बाद में जांच में स्पष्ट हुआ कि कार राजपुर क्षेत्र से निकलकर घंटाघर से होते हुए जीएमएस रोड पहुंची। इसके बाद कांवली रोड पर लक्ष्मण चौक पुलिस चौकी के पास से यू-टर्न लेकर दोबारा जीएमएस रोड के रास्ते घटनास्थल तक पहुंची थी।
सिद्धेश अग्रवाल के पिता द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने कंटेनर चालक रामकुमार पर मुकदमा दर्ज किया था। रामकुमार को घटना के लगभग 13 दिन बाद गिरफ्तार किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि हादसे के तुरंत बाद वह कंटेनर की नंबर प्लेट समेत मौके से फरार हो गया था। कंटेनर की ब्रेक लाइट और हेडलाइट भी खराब पाई गईं, जबकि वह एक भारी होरिजॉन्टल ड्रिलिंग मशीन लेकर कौलागढ़ की ओर जा रहा था, जो दुर्घटना की एक महत्वपूर्ण वजह मानी जा रही है।
पुलिस एक साल से अधिक समय तक बयान और तकनीकी साक्ष्य जुटाने में लगी रही, जिसके चलते चार्जशीट दाखिल होने में देरी हुई। अब जाकर यह कार्रवाई पूरी हो सकी है। मामले में जिन धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है, उनमें शामिल हैं—
- बीएनएस-106(2) — वाहन को तेज और लापरवाही से चलाकर किसी की जान लेना
- बीएनएस-61(2) — आपराधिक षड्यंत्र
चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब मामला अदालत में विचाराधीन होगा और आने वाले दिनों में न्यायिक प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। परिजनों को उम्मीद है कि इतने लंबे इंतजार के बाद अब उन्हें न्याय मिल सकेगा।




