
बेतिया (बिहार)। पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया में पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करने वाली एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। मझौलिया थाना क्षेत्र के मोहद्दीपुर गांव में शनिवार देर रात एक दरोगा शराब के नशे में बुरी तरह धुत होकर गांव पहुंचा और वहां मौजूद ग्रामीणों से गाली-गलौज करने लगा। जब दरोगा की हरकतें हद से आगे बढ़ीं, तो ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया। उन्होंने नशे में धुत दरोगा अरविंद सिंह को पकड़ लिया, उसकी वर्दी फाड़ दी और जमकर पिटाई करने के बाद घंटों तक बंधक बनाए रखा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दरोगा अपने दो-तीन सुरक्षाकर्मियों के साथ पुलिस जीप में सवार होकर मोहद्दीपुर गांव पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि वह किसी जांच के सिलसिले में आए थे, लेकिन नशे की हालत में उन्होंने घरवालों से अभद्र भाषा में बात की और महिलाओं के प्रति भी अनुचित व्यवहार किया। इससे नाराज ग्रामीणों ने पहले दरोगा को रोकने की कोशिश की, मगर जब उसने उल्टा गाली देना शुरू किया, तो लोगों ने उसे बंधक बना लिया और पुलिस बुलाने से पहले तक जमकर धुनाई की।
घटना की जानकारी मिलते ही मझौलिया थाना की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और दरोगा को ग्रामीणों के कब्जे से मुक्त कराया। इस बीच ग्रामीणों ने पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जो अब तेजी से फैल रहा है। वीडियो में दरोगा को नशे की हालत में लड़खड़ाते और ग्रामीणों से उलझते हुए देखा जा सकता है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि शराबबंदी वाले राज्य बिहार में स्वयं पुलिसकर्मी का शराब पीकर गश्त या जांच के लिए आना कानून और अनुशासन दोनों का मजाक उड़ाने जैसा है। उन्होंने मांग की है कि ऐसे पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
इस पूरे प्रकरण ने बेतिया पुलिस की साख पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। पुलिस विभाग की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि संबंधित दरोगा को फिलहाल लाइन हाजिर कर दिया गया है और आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है।
यह घटना न केवल पुलिस की शराबबंदी नीति की पोल खोलती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जब कानून के रखवाले ही नियम तोड़ने लगें, तो आम जनता का गुस्सा किस हद तक जा सकता है।







