
देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को देखते हुए राजधानी देहरादून में सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम कर दिए गए हैं। 9 नवंबर को फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (FRI) में होने वाले मुख्य कार्यक्रम को लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने हाई सिक्योरिटी प्लान तैयार कर लिया है। किसी भी व्यक्ति को बिना जांच के कार्यक्रम स्थल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं, एफआरआई और उसके आसपास ड्रोन उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
शुक्रवार को रेसकोर्स पुलिस लाइन में आयोजित सुरक्षा ब्रीफिंग के दौरान एडीजी इंटेलीजेंस अभिनव कुमार ने पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल अधिकृत व्यक्तियों और उनके वाहनों को ही जांच के बाद अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी। वीवीआईपी से मिलने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जाएगी और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
एडीजी ने स्पष्ट किया कि सामान्य नागरिकों के प्रवेश और निकासी के लिए बनाए गए गेटों पर हर व्यक्ति की सघन जांच की जाएगी। कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का बैग या वस्तु कार्यक्रम स्थल के भीतर नहीं ले जा सकेगा। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम समाप्त होने के बाद निकलने वाली भीड़ के लिए भी पहले से सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं ताकि अव्यवस्था न हो।
सुरक्षा व्यवस्था के तहत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी स्थल पर निर्धारित समय से तीन घंटे पहले पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, प्रधानमंत्री के मार्ग पर किसी प्रकार की निर्माण सामग्री या अवरोधक वस्तु न पड़ी हो, इसकी पूर्व जांच के आदेश दिए गए हैं।
कार्यक्रम स्थल के आसपास के ऊंचे भवनों, पानी की टंकियों, और अन्य संवेदनशील स्थानों की बीडीएस (बॉम्ब डिस्पोज़ल स्कवॉड) और डॉग स्कवॉड टीम से जांच कराई जाएगी। इसके अलावा, पूरे रूट पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जाएगी और एंटी-ड्रोन सिस्टम भी सक्रिय रहेंगे।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तीन स्तरों की निगरानी प्रणाली लागू की गई है — बाहरी परिधि पर स्थानीय पुलिस, बीच के क्षेत्र में एसपीजी और आंतरिक परिधि में विशेष सुरक्षा दस्ते तैनात रहेंगे। राज्य पुलिस ने जनता से अपील की है कि वह कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा बलों के निर्देशों का पालन करें, अनावश्यक भीड़ न लगाएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें।




