
पिथौरागढ़ |उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की बर्फीली चोटियों के बीच रविवार का दिन देशभक्ति और भावनाओं से भर गया।
भारत के थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी सीमांत क्षेत्र ज्योलिंगकांग पहुंचे, जहां उन्होंने कड़कड़ाती ठंड और दुर्गम भूगोल में तैनात भारतीय सेना के जवानों से मुलाकात की। दीपावली के इस पर्व पर उनका संदेश स्पष्ट था — “सीमा की रक्षा ही सच्चा उत्सव है।” जनरल द्विवेदी ने जवानों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और कहा कि परिवार से दूर, कठिन परिस्थितियों में रहकर देश की सुरक्षा में डटे रहना किसी साधना से कम नहीं। उन्होंने कहा — “मुझे गर्व है कि हमारे जवान हर पर्व, हर खुशी और हर कठिनाई को सीमा पर रहकर राष्ट्र की सेवा में समर्पित करते हैं। यह वही भावना है जो भारत को मजबूत बनाती है।”
सीमा पर तैनाती — कर्तव्य, कठिनाई और कर्मनिष्ठा का संगम
हिमालय के जिस हिस्से में ज्योलिंगकांग स्थित है, वह चीन सीमा से सटा रणनीतिक क्षेत्र है। यहां का तापमान शून्य से नीचे रहता है, और ऑक्सीजन की मात्रा भी बेहद कम होती है। फिर भी जवान दिन-रात देश की सीमाओं की सुरक्षा में जुटे हैं। सेना प्रमुख ने जवानों से बातचीत के दौरान उनकी ड्यूटी के अनुभव, आपूर्ति व्यवस्थाओं, मौसम संबंधी चुनौतियों और संचार तंत्र पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने आईटीबीपी, एसएसबी और बीआरओ के अधिकारियों और कर्मियों से भी मुलाकात की और कहा कि सीमांत क्षेत्र में इन सभी बलों का आपसी समन्वय देश की सुरक्षा प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाता है।
दीपावली पर सीमाओं पर जगमगाहट
आम भारतीयों के लिए दीपावली घर की चौखट पर दीया जलाने का पर्व है, लेकिन इन जवानों के लिए यह पर्व सीमा चौकियों पर देशभक्ति का उजाला जलाने का दिन है। जनरल द्विवेदी ने कहा कि वह स्वयं अपने परिवार से दूर रहकर जवानों के साथ दीपावली मना रहे हैं ताकि यह संदेश दिया जा सके कि “सेना एक परिवार है, और हर जवान इस परिवार का अभिन्न हिस्सा।” उनकी मौजूदगी से जवानों में उत्साह और गर्व का वातावरण देखने को मिला। बर्फ से ढकी चोटियों के बीच सैनिकों ने जब दीपक जलाए, तो पूरा क्षेत्र “जय हिंद” और “भारत माता की जय” के नारों से गूंज उठा।
ओम पर्वत क्षेत्र का दौरा आज
सेना प्रमुख के पिथौरागढ़ प्रवास का यह दूसरा चरण है। शनिवार को उन्होंने भड़कटिया सैन्य क्षेत्र का दौरा किया था, जहां उन्होंने स्थानीय अधिकारियों, सैनिकों और पूर्व सैनिकों से संवाद किया। सूत्रों के अनुसार, सोमवार को जनरल द्विवेदी ओम पर्वत और आदि कैलाश क्षेत्र का भी दौरा करेंगे। ये दोनों क्षेत्र धार्मिक और सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। सेना प्रमुख यहां तैनात अग्रिम चौकियों का निरीक्षण करेंगे और क्षेत्रीय सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा करेंगे।
स्थानीय जनमानस में उत्साह
सेना प्रमुख की यात्रा से सीमांत क्षेत्र के नागरिकों में भी उत्साह है। स्थानीय लोग इसे “सीमा पर दीपावली का राष्ट्रीय पर्व” मान रहे हैं। पिथौरागढ़, गुंजी और धारचूला क्षेत्र के लोगों ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी थल सेनाध्यक्ष ने दीपावली के दिन सैनिकों के बीच पहुंचकर पर्व मनाया। इससे न केवल सैनिकों का मनोबल बढ़ा है, बल्कि सीमांत इलाकों में रहने वाले नागरिकों को भी भरोसे और सुरक्षा का संदेश मिला है।
एक प्रतीकात्मक संदेश
जनरल द्विवेदी की यह यात्रा सिर्फ एक औपचारिक दौरा नहीं, बल्कि एक प्रतीकात्मक संदेश है — कि भारत की सुरक्षा सीमा पर डटे जवानों के समर्पण से ही संभव है। जब पूरा देश दीपावली की रोशनी में मग्न होता है, तब ये सैनिक अंधेरे में भी चौकसी की लौ जलाए रखते हैं। उनकी यह यात्रा इस बात का भी स्मरण कराती है कि राष्ट्र की असली दीया-जलाने वाले वही हैं, जो पहाड़ों, रेगिस्तानों और सीमाओं पर अनवरत ड्यूटी दे रहे हैं। इस बार दीपावली केवल घरों में नहीं, बल्कि सीमाओं पर भी जगमगा रही है। जनरल द्विवेदी का यह संदेश हर भारतीय के हृदय में गूंजना चाहिए —
“जहां देश के रक्षक हैं, वहीं दीपावली का सबसे सच्चा प्रकाश है।”




