
देहरादून | उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा को राज्य सरकार ने रद्द कर दिया है। यह निर्णय आयोग की एकल सदस्यीय जांच समिति की अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद लिया गया। सरकार ने घोषणा की है कि नई परीक्षा तीन महीने के भीतर कराई जाएगी। राज्य सरकार द्वारा परीक्षा लीक प्रकरण में अनियमितताओं की जांच के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यू.सी. ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था। आयोग ने शुक्रवार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी। रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद सरकार ने तत्काल प्रभाव से परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया।
आयोग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यह निर्णय केवल स्नातक स्तरीय परीक्षा से संबंधित है, अन्य परीक्षाओं पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। रिपोर्ट में परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताओं और पेपर लीक से जुड़ी कई गंभीर बातों का उल्लेख किया गया है। इस परीक्षा का आयोजन 21 सितंबर 2025 को प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में किया गया था, जिसमें लगभग 1 लाख 5 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। परीक्षा के दौरान हरिद्वार जिले के एक केंद्र से प्रश्नपत्र के तीन पृष्ठ मोबाइल फोन के माध्यम से बाहर भेजे गए थे, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। घटना के तुरंत बाद परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे और छात्रों ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए।
छात्रों का आंदोलन और सरकार की प्रतिक्रिया
पेपर लीक मामले के विरोध में बेरोजगार युवा संघ और विभिन्न छात्र संगठनों ने देहरादून, हल्द्वानी और अन्य शहरों में प्रदर्शन किए। छात्र परीक्षा रद्द करने और सीबीआई जांच की मांग पर अड़े रहे। आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं आंदोलन स्थल पर पहुंचे और सीबीआई जांच की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने न्यायिक जांच आयोग के गठन की भी घोषणा की थी।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) यू.सी. ध्यानी की अध्यक्षता में गठित आयोग ने राज्यभर में जनसंवाद आयोजित कर अभ्यर्थियों, शिक्षकों और संबंधित पक्षों से राय ली। आयोग ने परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रशासनिक जवाबदेही से संबंधित कई सुझाव दिए। अपनी अंतरिम रिपोर्ट में आयोग ने अनियमितताओं की पुष्टि करते हुए परीक्षा रद्द करने की सिफारिश की।
रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध है और युवाओं के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि तीन महीने के भीतर परीक्षा पुनः आयोजित कराई जाए।
यूकेएसएसएससी ने भी आधिकारिक आदेश जारी कर परीक्षा को निरस्त कर दिया है। आयोग ने बताया कि नई परीक्षा की तिथि जल्द घोषित की जाएगी। इससे पहले, भाजपा विधायक दल के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर परीक्षा को छात्रहित में रद्द करने और दोबारा आयोजित करने की मांग की थी। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में किसी भी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।