
देहरादून | प्रदेशभर के शासकीय और अशासकीय महाविद्यालयों में शनिवार को छात्रसंघ चुनाव हुए। सुबह से ही छात्रों में भारी उत्साह देखा गया। तीन बजे के बाद मतगणना शुरू हुई और परिणाम आने लगे। इस बार राजधानी देहरादून के कई कॉलेजों में दिलचस्प मुकाबले हुए। राजधानी के एकमात्र महिला कॉलेज एमकेपी पीजी कॉलेज में एनएसयूआई (NSUI) ने सभी पदों पर जीत दर्ज की। अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई की उम्मीदवार बिपाशा ने एबीवीपी की शिवानी रावत को हराकर विजय हासिल की।
बिपाशा को 181 जबकि शिवानी को 140 वोट मिले। उत्तराखंड के सबसे बड़े महाविद्यालय डीएवी पीजी कॉलेज में अध्यक्ष पद पर त्रिकोणीय मुकाबला जरूर हुआ, लेकिन मुख्य टक्कर एनएसयूआई और एबीवीपी के बीच ही रही। यहां कुल 4756 छात्राएं और 4285 छात्र मतदान सूची में दर्ज हैं। चुनाव के लिए 16 बूथ बनाए गए थे, जिनमें आठ छात्राओं और आठ छात्रों के लिए रखे गए। डीबीएस (पीजी) कॉलेज में भी छह पदों के लिए 32 प्रत्याशी मैदान में हैं, जहां छात्रों ने उत्साह के साथ वोट डाला।
डीएवी कॉलेज में मतगणना के दौरान विवाद खड़ा हो गया। एक प्रत्याशी के समर्थकों ने प्रक्रिया पर आपत्ति जताई और हंगामा किया। स्थिति को गंभीर होता देख आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप मौके पर पहुंचे और मतगणना स्थल का निरीक्षण किया। प्रशासन और पुलिस बल की मौजूदगी से स्थिति पर काबू पाया गया और मतगणना प्रक्रिया दोबारा शुरू हुई। इसी तरह एमकेपी कॉलेज के बाहर भी एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी और हंगामा किया। पुलिस बल ने हस्तक्षेप कर माहौल को शांत कराया।
उधर, ऋषिकेश स्थित पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन विश्वविद्यालय परिसर में मतदान जारी रहा। विभिन्न छात्र संगठनों के प्रत्याशी छात्रों से घूम-घूमकर अपने पक्ष में मतदान की अपील करते नजर आए। गढ़वाल विश्वविद्यालय के बिड़ला परिसर में भी छात्रसंघ चुनाव के दौरान उत्साह दिखा। हालांकि, प्रचार सामग्री लेकर कुछ छात्र मतदान स्थल तक पहुंच गए, जिसके चलते प्रक्रिया आधा घंटा बाधित रही। चुनाव संचालन समिति और प्रशासन के समझाने के बाद मतदान दोबारा शुरू हो सका।
कुल मिलाकर एक साल के अंतराल के बाद हुए छात्रसंघ चुनाव ने राज्य के कॉलेज परिसरों को राजनीतिक रंग में रंग दिया और छात्रों का उत्साह देखते ही बनता था।