
उत्तर भारत में लगातार भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन को चौपट कर दिया है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में आठ लोगों की मौत हो गई, 13 लोग घायल हुए और दो लापता हैं। पंजाब में बाढ़ के कारण 12 जिलों के 2.56 लाख लोग प्रभावित हैं और हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण छह लोगों की मौत हुई है। इनमें शिमला के जुन्गा, जुब्बल-कोटखाई और सिरमौर क्षेत्र शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, इनमें एक पिता-पुत्री भी शामिल हैं। कुमारहट्टी में एक मकान जमींदोज होने से चार लोग घायल हुए, जबकि मणिमहेश यात्रा के दौरान पहाड़ी से पत्थर गिरने से तीन श्रद्धालु घायल हो गए।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधानसभा में यह घोषणा की कि पूरे राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया गया है। राज्य को अब तक 3,056 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि राज्य में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 24 और 34 लागू कर दी गई हैं, जिसके तहत जिला मजिस्ट्रेट संभावित आपदा की स्थिति में आवश्यक आदेश जारी कर सकते हैं। हिमाचल प्रदेश में अगस्त माह में करीब 76 वर्षों की रिकॉर्ड बारिश हुई है। वर्ष 1901 के बाद अगस्त में यह नौवीं सबसे अधिक बारिश (431.3 मिलीमीटर) है। यह 1949 के बाद से अगस्त में हुई सबसे अधिक बारिश है। प्रदेश में पांच राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 1,277 सड़कें, 3,207 बिजली ट्रांसफार्मर और 790 पेयजल योजनाएं ठप हो चुकी हैं। मनाली-लेह हाईवे ठप होने से कोकसर में 250 वाहन फंसे हुए हैं।
उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर मुनकटिया के पास 10 लोगों के वाहन पर ऊपर से बोल्डर गिर गया। हादसे में रीता देवी और चंद्र सिंह की मौत हो गई, जबकि छह लोग घायल हुए। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद उच्च स्तर के चिकित्सा केंद्र में रेफर किया गया। एसडीआरएफ और डीडीआरएफ के जवान तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को वाहन से बाहर निकाला। देहरादून और उत्तरकाशी जिलों में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश के चलते गजियावाला में संसारी माता का मंदिर ढह गया, जिससे आसपास के मकानों को भी नुकसान पहुंचा।
पंजाब में लगातार बारिश और बाढ़ के चलते अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के 12 जिलों में 2.56 लाख लोग प्रभावित हैं। किसानों की फसलें भी बर्बाद हो गई हैं। कुल 94,061 हेक्टेयर फसल बाढ़ की चपेट में आई है, सबसे अधिक नुकसान मानसा जिले में हुआ। मौसम विभाग ने पंजाब में मंगलवार को रेड अलर्ट और बुधवार को यलो अलर्ट जारी किया। चेतावनी दी गई कि पहाड़ों पर अगर बारिश नहीं रुकी तो पंजाब में हालात और बिगड़ सकते हैं। सात सितंबर तक बूंदाबांदी के आसार बताए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में मणिमहेश यात्रा में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण श्रद्धालु फंस गए। इस पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रणय प्रताप सिंह ने अदालत को आश्वासन दिया कि पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। सरकार और केंद्र ने अदालत से दो सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का समय मांगा। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने इस मांग को स्वीकार किया। अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी। याचिका में केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को तत्काल बचाव अभियान चलाने का निर्देश देने की अपील की गई है।