
कानपुर | बारिश के बाद कानपुर शहर में मंगलवार को ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। सुबह से लेकर देर शाम तक शहर के अधिकांश प्रमुख मार्गों पर जाम की भयावह स्थिति बनी रही। जलभराव, टूटे पेड़, खस्ताहाल सड़कें और ट्रैफिक के अचानक बढ़े दबाव ने शहर को थाम कर रख दिया। लोग ऑफिस, स्कूल, अस्पताल और रेलवे स्टेशन तक नहीं पहुंच पाए। पुलिस बल ने जाम छुड़ाने की कोशिशें कीं, लेकिन सुव्यवस्थित ट्रैफिक प्रबंधन के अभाव में हालात बेकाबू होते चले गए।
शहरभर में रेंगते रहे वाहन, लोग परेशान
बारिश के कुछ ही घंटों बाद, कानपुर का लगभग हर बड़ा चौराहा और संपर्क मार्ग जाम की चपेट में आ गया। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं:
- वीआईपी रोड
- टाटमिल चौराहा
- जरीब चौकी
- चुन्नीगंज
- दादानगर पुल
- गोविंदपुरी पुल
- कल्याणपुर पनकी रोड
- मेडिकल कॉलेज ब्रिज
- बड़ा चौराहा
- घंटाघर
- जनरलगंज
- शारदानगर
- फजलगंज और पनकी क्षेत्र
इन क्षेत्रों में दोपहिया और चारपहिया वाहन रेंगते हुए चलते रहे। कई स्थानों पर लोग अपने वाहन सड़क किनारे छोड़कर पैदल चलने को मजबूर हो गए।
गोविंदपुरी पुल और दादानगर क्षेत्र बना सबसे बड़ा ब्लॉकेज पॉइंट
गोविंदपुरी और दादानगर पुल पर तो हालत सबसे अधिक खराब रही। जलभराव और टूटी सड़कों के कारण इन दोनों स्थानों पर वाहन बमुश्किल आगे बढ़ पाए। जूही खलवा पुल पर सुबह एक पेड़ गिर जाने से ट्रैफिक बाधित हो गया, जिससे बारादेवी से अफीम कोठी जाने वाला मार्ग पूरी तरह बंद हो गया। विकल्प के तौर पर हजारों वाहन सचान चौराहा, बर्रा दो, शास्त्री चौक होते हुए दादानगर पुल की ओर बढ़े, जिससे वहां की स्थिति भी बिगड़ गई।
मेट्रो स्टेशन के नीचे बना ट्रैफिक जाल
स्वरूप नगर थाने के सामने स्थित मेट्रो स्टेशन के नीचे भीषण जाम लग गया। यहां एनएसआई के पास हुए जलभराव ने ट्रैफिक को एकतरफा कर दिया, जिससे वाहनों की लंबी लाइन लग गई। पुलिसकर्मी ठेले और ई-रिक्शा को किनारे करने में ही लगे रहे, लेकिन व्यवस्थाएं संभल नहीं सकीं।
कल्याणपुर-पनकी मार्ग बना सिरदर्द
बारिश के बाद बगिया क्रॉसिंग रोड पर कीचड़ और गड्ढों के कारण वाहन चालक मजबूरी में कल्याणपुर क्रॉसिंग होकर पनकी की ओर गए। इससे पुराना शिवली रोड, नया शिवली रोड और आवास विकास मार्ग पूरी तरह जाम हो गया। पुलिस ने हालात सुधारने की कोशिश की, लेकिन ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ता गया।
टूटती व्यवस्था पर जनता का फूटा गुस्सा
बारिश और जाम के इस दोहरे संकट ने आम लोगों की सहनशीलता की परीक्षा ले ली। कई स्थानों पर लोगों ने स्थानीय अधिकारियों और नगर निगम के खिलाफ आक्रोश जताया। लोगों का कहना है कि न तो जलनिकासी की व्यवस्था समय पर की जाती है और न ही सड़कों की मरम्मत पर ध्यान दिया जाता है। माल रोड के एक व्यापारी ने कहा, “हर बार बारिश में यही हाल होता है। VIP रोड नाम की सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है, तो बाकी जगहों की हालत कौन पूछे?”
प्रशासन मौन, भविष्य अंधकारमय
बारिश के साथ जाम की स्थिति ने यह साफ कर दिया है कि कानपुर जैसे औद्योगिक शहर में ट्रैफिक मैनेजमेंट पूरी तरह फेल हो चुका है। न समय रहते सड़क मरम्मत की जाती है, न ही वैकल्पिक मार्ग बनाए जाते हैं, और न ही जलनिकासी की व्यवस्था मजबूत की जाती है। यदि समय रहते प्रशासन ने जरूरी कदम नहीं उठाए तो आने वाले मानसून के दिनों में स्थिति और भयावह हो सकती है।
क्या जरूरी है अब?
- जलनिकासी प्रणाली का सुदृढ़ीकरण
- खराब सड़कों की मरम्मत एवं नवीनीकरण
- ट्रैफिक पुलिस को आधुनिक उपकरणों और पर्याप्त स्टाफ से लैस करना
- हाई रिस्क जोनों की पहचान और ट्रैफिक डायवर्जन की योजना
- मेट्रो निर्माण स्थलों पर विशेष ट्रैफिक प्लानिंग