देहरादून ( उत्तराखंड) सरहद पर जान न्यौछावर करने वाले हमारे जाबांज हिंदुस्तान के सपूत होते हैं जिनकी जाति धर्म सबकुछ देशप्रेम होता है। शहीदों के परिवार धन्य हैं जिनमें वीरगति को प्राप्त एक बेटे का पिता, वीर नारी का पति, एक बाप का बेटा,और एक भाई का भाई होते हैं जिनके दुख का अहसास करना मुश्किल है। हमें अपने शहीदों पर गर्व है। इन परिवारों के सुख दुख में शामिल होकर हम इनके सहयोगी बन सकते हैं।हमे इन परिवारों का हमेशा हमदर्द बनना चाहिए।
कुछ ऐसे उद्गार आज संयुक्त नागरिक संगठन के तत्वाधान में कारगिल युद्ध स्मारक पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में दून वासियों के थे।इन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सेना के जांबाजों ने आजादी के बाद से लेकर अभी तक हजारों कुर्बानियां दी हैं पहलगांव में हुए नरसंहार के दोषी पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर ने पूरी दुनिया में भारतीय सेना की विशाल ताकत को साबित किया है। हमें इन पर गर्व है ।
श्रद्धांजलि सभा में कारगिल युद्ध में शहीद रंजीत सिंह बिष्ट की धर्मपत्नी सरला बिष्ट तथा शहीद मदन सिंह नेगी के पुत्र दीपक नेगी को शॉल उड़ाकर तथा माला पहनाकर सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर दून बुद्धिस्ट सोसाइटी की तिब्बती महिलाएं,गोरखा समाज के प्रतिनिधि,पूर्व सैन्य अधिकारी, स्वतंत्रता सेनानी परिवार, राज्य आंदोलनकारी आदि शामिल हुए। यहां शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर कैंडल लाइट्स जलाकर, दो मिनट का सामूहिक मौन रखकर दिवंगत शहीद आत्माओं को याद किया गया। सभा का संचालन संयुक्त नागरिक संगठन के सचिव प्रदीप कुकरेती ने किया। ब्रिगेडियर के जी बहल,गिरीश चंद्र भट्ट, कल्याण सिंह रावत,मेजर पदम सिंह थापा,मेजर एम एस रावत, दिनेश भंडारी,कर्नल विक्रम सिंह थापा, देवेंद्र पाल मोंटी, प्रभा शाह,राजेंद्र शाह, अशालाल टम्टा,आशा नौटियाल, द्वारिका बिष्ट,वाई बी थापा,मोहन खत्री,चंद्र किरण राणा, नरेश चंद्र खुलाश्री, खुशबीर सिंह, शेयरिंग लोडिंग, डोलमा, चंदन सिंह नेगी, जगदीश बावला,उमेश्वर सिंह रावत, डॉ राकेश डंगवाल, जितेंद्र सिंह, मुकेश नारायण शर्मा, अवधेश शर्मा आदि शामिल थे।