
उत्तराखंड के चमोली जनपद में लगातार हो रही तेज बारिश से स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। सोमवार को फिर एक बार बदरीनाथ नेशनल हाईवे उमटा के पास पहाड़ी से भारी मलबा गिरने से मार्ग बाधित हो गया। इस कारण चारधाम यात्रा और स्थानीय आवागमन दोनों प्रभावित हुए हैं।
उमटा के पास बदरीनाथ हाईवे पर फिर मलबा, कई जगह बोल्डर गिरे
कर्णप्रयाग क्षेत्र में सुबह से लगातार तेज बारिश हो रही है। उमटा के पास बदरीनाथ हाईवे पर पहाड़ी से भारी मलबा गिरा, जिससे सड़क यातायात के लिए बंद हो गई। इसके अलावा सिवाई में रेलवे टनल के पास गदेरे का पानी बढ़ने से अस्थायी कर्णप्रयाग-सिवाई सड़क पानी के बहाव में बह गई। गौचर-रानो मोटर मार्ग भी गंगानगर रानो के पास मलबा आने से बंद हो गया है।
हिमनी-बलाण सड़क एक सप्ताह से बंद, ग्रामीण पैदल चलने को मजबूर
देवाल विकासखंड की हिमनी-बलाण सड़क एक सप्ताह से कालीताल से आगे मलबा और पेड़ गिरने के कारण बंद पड़ी है। ग्रामीण गोविंद सिंह और विक्की कुमार ने बताया कि उन्होंने कई बार पीएमजीएसवाई विभाग से संपर्क किया, लेकिन मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीन अब तक नहीं भेजी गई थी। इससे बलाण गांव के लोगों को 5 किलोमीटर पैदल चलकर आना-जाना पड़ रहा है।
हालांकि, पीएमजीएसवाई विभाग के एई डीएस भंडारी का कहना है कि अब जेसीबी मशीन भेज दी गई है और जल्द ही सड़क खोल दी जाएगी। ग्रामीणों ने मांग की है कि यहां स्थायी रूप से जेसीबी की व्यवस्था की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की परेशानी न हो।
झिंझौंणी गांव का पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त, बच्चों और बुजुर्गों को भारी दिक्कत
नारायणबगड़ ब्लॉक के झिंझौंणी गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला एकमात्र पैदल मार्ग भी भारी बारिश और भूस्खलन के चलते क्षतिग्रस्त हो गया है। गांव के लक्ष्मण सिंह, आलम सिंह, सुभाष सिंह, गोविंद सिंह, त्रिलोक सिंह और धीरज सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक को पत्र लिखकर इस मार्ग के पुनर्निर्माण के लिए विधायक निधि से तत्काल धन स्वीकृत करने की मांग की है। उनका कहना है कि स्कूल और आंगनबाड़ी जाने वाले बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को बेहद कठिनाई हो रही है।
जनजीवन अस्त-व्यस्त, शासन-प्रशासन सतर्क
चमोली जिले में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है। जगह-जगह भूस्खलन, सड़कों पर मलबा, पानी के बहाव से सड़कें बहना और मार्गों के अवरुद्ध होने जैसी समस्याएं लोगों को दैनिक जीवन में भारी दिक्कतें दे रही हैं। प्रशासन द्वारा राहत कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन कई क्षेत्रों में अभी तक कार्यवाही धीमी है।
जनता और प्रशासन दोनों से अपेक्षा है कि मौसम की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा के सभी उपाय अपनाएं और सतर्क रहें।