
देहरादून | केदारनाथ धाम के लिए संचालित हो रही हेली सेवा को लेकर 22 जून के बाद की यात्रा के लिए टिकट बुकिंग पर संशय की स्थिति बनी हुई है। अब तक उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) और भारतीय रेलवे कैटरिंग एवं पर्यटन निगम (IRCTC) की वेबसाइट पर तीसरे चरण की बुकिंग को लेकर कोई आधिकारिक सूचना उपलब्ध नहीं है।
अब तक दो चरणों में हुई है टिकट बुकिंग
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के तहत केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा का संचालन 2 मई 2025 से शुरू हुआ था। इस सेवा को यात्रियों की सुविधा के अनुसार विभिन्न स्लॉट में चरणबद्ध ढंग से खोला गया:
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पहला चरण: 2 मई से 31 मई तक की यात्रा के लिए टिकट बुकिंग की गई।
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दूसरा चरण: 1 जून से 22 जून तक की यात्रा के लिए टिकट जारी किए गए।
इन दोनों चरणों में यात्रियों ने भारी संख्या में टिकट बुक कराए और 22 जून तक के सभी स्लॉट लगभग भर चुके हैं।
तीसरे चरण की बुकिंग पर अब तक कोई स्पष्टता नहीं
अब सवाल उठ रहा है कि 23 जून के बाद की यात्राओं के लिए हेली सेवा की बुकिंग कब शुरू होगी। यात्रियों और ट्रैवल एजेंटों को उम्मीद थी कि 15 जून के आसपास IRCTC पोर्टल पर तीसरे चरण की बुकिंग ओपन कर दी जाएगी, लेकिन अब तक न तो UCADA और न ही IRCTC की वेबसाइट पर इस संबंध में कोई अपडेट जारी हुआ है।
इस वजह से जो तीर्थयात्री जून के अंतिम सप्ताह या जुलाई में यात्रा की योजना बना रहे हैं, उन्हें भ्रम और असमंजस का सामना करना पड़ रहा है। कई लोग हेलीकॉप्टर सेवा के बगैर यात्रा की वैकल्पिक योजना बनाने पर विवश हैं।
मानसून में सीमित हो जाती है हेली सेवा
मौसम विभाग के अनुसार 20 जून से राज्य में मानसून के सक्रिय होने की संभावना है। मानसून के दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में तेज बारिश और खराब मौसम की संभावना अधिक होती है, जिससे हेली सेवाओं का संचालन सीमित कर दिया जाता है।
पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर, छह में से केवल एक या दो कंपनियों के हेलीकॉप्टर ही इस मौसम में संचालित हो पाते हैं। खराब मौसम के कारण उड़ानों में विलंब या रद्दीकरण की संभावना भी अधिक होती है।
यात्रियों को सलाह: वैकल्पिक योजना पर विचार करें
ऐसी स्थिति में यात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी यात्रा योजनाएं बनाते समय मौसम पूर्वानुमान और हेलीकॉप्टर सेवा की स्थिति पर नजर रखें। जब तक तीसरे चरण की बुकिंग की घोषणा नहीं होती, तब तक सड़क मार्ग या टट्टू/पालकी सेवा जैसे विकल्पों को भी ध्यान में रखा जाए।