
हरिद्वार के खड़खड़ी इलाके में होटल कारोबारी अरुण पर फायरिंग के मामले का पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। यह हमला लंदन में बैठे गैंगस्टर नंदू उर्फ कपिल सागवान के इशारे पर हुआ। नंदू ने अपने विरोधी गैंग से जुड़े व्यक्ति की पैरवी करने की रंजिश में यह सुपारी दी थी। पुलिस ने इस मामले में पंजाब से दो शूटरों को गिरफ्तार किया है।
🔴 क्या हुआ था?
2 जून को खड़खड़ी सूखी नदी पुल के पास बाइक सवार बदमाशों ने हरियाणा निवासी 25 वर्षीय होटल कारोबारी अरुण पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। गंभीर रूप से घायल अरुण को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
📍 क्यों हुई फायरिंग?
जांच में सामने आया कि अरुण, मंजीत महल गैंग के सदस्य गौरव उर्फ लक्की की कोर्ट में पैरवी कर रहा था, जो इस समय हरियाणा की झज्जर जेल में बंद है। गौरव, अरुण का रिश्तेदार भी है।
लंदन में बैठे गैंगस्टर नंदू उर्फ कपिल सागवान और मंजीत महल गैंग के बीच पुरानी दुश्मनी है — मंजीत ने 2016 में नंदू के जीजा की हत्या कर दी थी। तभी से दोनों गैंगों के बीच गैंगवार चल रही है। अरुण की पैरवी से चिढ़कर नंदू ने विदेश से ही उसकी सुपारी दे दी।
👥 कौन हैं गिरफ्तार शूटर?
पुलिस और CIU टीम ने पंजाब के फगवाड़ा से मानव हंस और गौरव कुमार को गिरफ्तार किया। दोनों शूटर नंदू गैंग से जुड़े हैं। गिरफ़्तारी में 1000 से ज़्यादा CCTV फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद ली गई।
🕵️♂️ SSP का बयान:
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने कहा, “हमने उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और यूपी तक जांच फैलाई थी। बाकी फरार बदमाशों की तलाश जारी है। यह गैंगवार का मामला है जिसमें सीमा पार से भी संचालन हो रहा है।”
📝 निष्कर्ष:
हरिद्वार में हुआ यह हमला महज़ होटल व्यवसाय से जुड़ा मामला नहीं था, बल्कि यह अंतरराज्यीय गैंगवार का हिस्सा है — जिसमें एक ओर लंदन में बैठे माफिया का नेटवर्क है, तो दूसरी ओर जेल में बंद गैंगस्टर की पैरवी करने वाला युवक।
यह घटना न केवल उत्तराखंड की कानून-व्यवस्था को चुनौती देती है, बल्कि यह दिखाती है कि भारत में बैठे लोगों की जान, विदेश में बैठे अपराधियों के इशारों पर भी खतरे में है।