देहरादून: एक समय था जब घर पर कोई शुभ कार्य होता था या आयोजन किया जाता था तो किन्नर समाज के लोग बधाई देने हेतु अपने लाव -लश्कर के साथ खुशी-खुशी आशीर्वाद देने के लिये नाचते-गाते चले आते थे, लोग भी उनका तहेदिल स्वागत करते थे।
लेकिन आज यह हालत है कि लोग किन्नरों के नाम से भी खौफ खाने लगे हैं। डरने का कारण भी है किन्नरों द्वारा आमजन से पुत्र जन्म, विवाह, आवास निर्माण आदि अवसरों पर की जाने वाली जबरन वसूली है। 21000 51000 व कभी-कभी तो आलिशान भवन देख कर तो एक लाख रुपये तक का नजराना मागने पर भी नहीं चूकते। अब इस जबरन वसूली पर रोक लगाने हेतु संयुक्त नागरिक संगठन ने अपनी कमर कस ली है। पूर्व में भी समय-समय पर संगठन ने पुलिस व प्रशासन को किन्नरों द्वारा की गई जबरन वसूली के खिलाफ ज्ञापन देकर अवगत भी कराया गया। उक्त विषय को लेकर संयुक्त नागरिक संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था वी.मुरुगेशन से मिला। संगठन के सुझावों पर तत्काल कदम उठाते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल तथा कुमाऊं परिक्षेत्र समेत राज्य के समस्त जनपदों के वरिष्ठ/ पुलिस अधीक्षकों को जिला स्तर पर नागरिकों के साथ बैठक आयोजित कर कठिनाइयों का समाधान करते हुए कृत कार्रवाई की आख्या 15 दिन में मुख्यालय को उपलब्ध कराने की निर्देश दिए गए हैं।इसी विषय में जिलाधिकारी देहरादून को संगठन द्वारा दिनांक 27 मई को दिए गए ज्ञापन पर नगर मजिस्ट्रेट देहरादून द्वारा भी पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर,राजपुर, नेहरू कॉलोनी को जारी पत्र में जबरन वसूली से निजात दिलाए जाने हेतु आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। संगठन ने आशा व्यक्त की है कि राज्य में आमजन किन्नरों के असभ्य, अनुचित,अवैधानिक व्यवहार को लेकर अपनी शिकायती आपातकालीन नंबरों पर दर्ज कराकर एफ आई आर भी दर्ज करा सकेंगे। प्रतिनिधि मंडल ने कानून व्यवस्था में सफलताओं के लिए अपर पुलिस महानिदेशक का अभिनंदन करते हुए शॉल उड़ाकर सम्मानित भी किया। शिष्ट मंडल में चौधरी ओमवीर सिंह, चंद्रगुप्त विक्रम,प्रकाश नागिया,मुकेश नारायण शर्मा, प्रदीप कुकरेती,एल आर कोठियाल,अवधेश शर्मा, सचिव सुशील त्यागी आदि शामिल थे।