
देहरादून| सार्वजनिक स्थानों पर किन्नरों द्वारा नग्नता का प्रदर्शन, यातायात में अवरोध,सरकारी कार्य में बाधा डालने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हुए चेकिंग बैरियर, थाना राजपुर में पुलिस कर्मियों के साथ किए गए अपराधिक कृत्यों की भर्त्सना करते हुए सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने इसे राजधानी के लिए शर्मनाक बताया है। व्हाट्सएप पर हुए लिखित संवाद में प्रतिक्रिया देते हुए दून वासियों ने कहा है कि कानून के रक्षकों पुलिस अधिकारियों के साथ ऐसी घटनाएं साबित करती हैं कि आमजन के साथ किन्नरों का आचरण की सीमाएं क्या होगी।
इनका मत है की ऐसी घटनाएं सारे किन्नर समाज को बदनाम कर रही है। पारिवारिक समारोह तथा आवास निर्माण पर किन्नरों द्वारा आमजन को आतंकित कर पैसों की मनमानी जबरन वसूली से भी इस समाज के प्रति आमजन आक्रोशित हैं पर असहाय है।दून के जागरूक नागरिकों ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि दायित्वधारियों में शामिल किन्नर नेता रजनी रावत को विश्वास में लेकर किन्नरों की आपराधिक गतिविधियों पर नियंत्रण लगाने तथा आमजन से जबरन वसूली पर रोक लगाने को खुद पहल करें।आम राय थी कि मुख्यमंत्री धामी को पुलिस अधिकारियों को संबंधित प्रकरण पर कठोर कार्रवाई की पूरी छूट उसी तरह मिलनी जरूरी है जैसी छूट प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना को आतंकवाद के खात्मे के लिए दी है।
अन्यथा भविष्य में कानून के रखवाले किन्नरों के आपराधिक कृत्यों पर कठोर कदम उठाने का साहस नहीं कर पाएंगे। संयुक्त नागरिक संगठन द्वारा 8 माह पूर्व किन्नरों द्वारा आम जन से की जाने वाली पैसों की जबरन वसूली तथा आपराधिक आचरण पर रोक लगाने की मांग करते हुए शासन, प्रशासन,पुलिस अधिकारियों तक को ज्ञापन भेजे गए थे। परंतु आज तक भी कोई सकारात्मक कार्रवाई धरातल पर नहीं आ सकी है जो दुखद है। संवाद में ठाकुर शेर सिंह, नरेश चंद्र कुलाश्री,जेएस रेनोत्रा,एचसीएच रावत,विजय प्रकाश डंगवाल, आरडी भट्ट,पीएस बर्थवाल, एडवोकेट रवि सिंह नेगी,चंदन सिंह नेगी,सुशील त्यागी, उमेश्वर सिंह रावत,ताराचंद गुप्ता,अवधेश शर्मा,प्रदीप कुकरेती,अरविंद कुमार, जगमोहन मेहंदीरता,एमएस तोमर,सुनील बांगा,दिनेश भंडारी,गजेंद्र सिंह रमोला आदि शामिल थे।
प्रेषक :::सुशील त्यागी सचिव संयुक्त नागरिक संगठन देहरादून