
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में अवैध रूप से चल रहे कबाड़ के गोदाम में सोमवार देर रात अचानक आग लग गई। आग पहले तो गोदाम के बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर व प्रथम तल पर भड़की। इसके बाद गोदाम के पीछे बनी मजदूरों की झोपड़ियों को भी चपेट में ले लिया। कुछ मजदूर एवं उनके परिजन आग में फंस गए। हालांकि, समय रहते दमकल कर्मियों ने सभी को सकुशल निकाल लिया। दमकल की छह गाड़ियों की मदद से पांच घंटे में आग पर काबू पाया जा सका।
घटना बिजनौर के नूरनगर भदरसा इलाके की है। एफएसओ सुमित प्रताप सिंह ने बताया कि गोदाम वाहिद अली का है। बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर भारी तादाद में प्लास्टिक व पन्नियां (कबाड़) इकट्ठा होने के साथ ही बाहर भी काफी मात्रा में कबाड़ फैला पड़ा है। गोदाम के पीछे करीब पांच मजदूर झोपडियों में अपने परिवारों के साथ रहते हैं। रात करीब दो बजे अचानक गोदाम में तेज धुएं के साथ आग की लपटें उठने लगी। आग बेसमेंट, ग्राउंड और प्रथम तल पर लगी थी। तेज हवा के चलते आग गोदाम के पीछे बनी मजदूरों की झोपड़ी तक पहुंच गई, तब जाकर लोगों को आग का पता चला। सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी गई।
आग का भयानक रूप देख झोपड़ियों में रहने वाले मजदूरों ने अफरा-तफरी मच गई। वह लोग अपनी जान बचाकर भागने लगे। कुछ ही देर में सरोजनीनगर फायर स्टेशन से दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। दमकल कर्मियों ने आग की लपटों में फंसे मजदूरों व उनके परिवार के लोगों को सुरक्षित निकाला। आग का विकराल रूप देख दमकल कर्मियों ने मदद के लिए आलमबाग, हजरतगंज और पीजीआई से भी दमकल गाड़ियां बुला ली। इसके बाद दमकल कर्मियों ने पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह आग पर काबू पाया।
एफएसओ ने बताया कि अभी इस बात का पता नहीं चल सका है कि गोदाम में आग किन कारणों के चलते लगी थी। ऐसी आशंका है कि आग के पीछे शार्ट सर्किट वजह हो सकती है। एफएसओ सरोजनीनगर ने बताया कि कबाड़ का गोदाम अवैध रूप से संचालित हो रहा था। गोदाम मालिक के पास न तो फायर की एनओसी है और ना ही आग से बचाव के लिए कोई उपकरण या पानी का व्यवस्था थी।