
देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अवैध खनन पर दिए गए बयान को लेकर साफ किया कि उन्होंने किसी भी अधिकारी का नाम नहीं लिया। उनके बयान के आगे और पीछे के हिस्से को काट कर केवल कहावत को मुद्दा बनाया गया जो उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए सब अधिकारी अपने हैं और प्रिय हैं।
त्रिवेंद्र सिंह मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं अब संसद में हूं। मुझे मुख्यमंत्री नहीं बनना है। मैं तो दिल्ली में हूं। सागर में चला गया हूं। कहा, जब मैं मुख्यमंत्री था, तब आप लोग कहते थे कि अधिकारियों की चलती है। त्रिवेंद्र अधिकारियों को बहुत ज्यादा लिफ्ट देते हैं।
सच्चाई यही है कि मेरे लिए सारे अधिकारियों ने मिल जुलकर काम किया। दिल्ली में मैंने सारे अधिकारियों को अपने आवास पर बुलाया। हमने बहुत प्रेम से चार साल काम किया। उन्होंने मुझे सम्मान दिया। वे मेरा इशारा समझकर काम करते थे। मैंने भी उन्हें भरपूर प्यार दिया।
सभी अधिकारी इस बात को बहुत अच्छे ढंग से समझते हैं। लेकिन मेरे बयान से आगे और पीछे का हिस्सा काट कर कहावत को मुद्दा बना दिया गया, यह भी उचित नहीं है। मैं इसका खंडन करता हूं। मेरा बयान यदि सुनेंगे तो मैंने किसी व्यक्ति विशेष या अधिकारी का नाम नहीं लिया। मैंने तो यह कहा कि किस अधिकारी ने कहा, मुझे पता नहीं है।
त्रिवेंद्र ने कहा कि हमने इस पार्टी को अपने खून से सींचा है। मैं क्यों चाहूंगा कि हमारी सरकार अस्थिर हो। उन्होंने कहा कि खनन से राजस्व बढ़ा है, मैं बधाई देता हूं। बढ़ना चाहिए। राज्य की आय के बहुत कम आयाम हैं। उन्होंने कहा कि मैंने खनन को लेकर इतना ही बोला और अवैध और अवैज्ञानिक खनन नहीं होना चाहिए।