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माघ पूर्णिमा, जिसे स्नो मून के नाम से भी जाना जाता है, आज 12 फरवरी की रात को दिखेगा। स्नो मून एक अद्भुत घटना है जिसे आज रात देखा जा सकता है। इस खगोलीय घटना का नाम इस महीने में होने वाली भारी बर्फबारी के कारण स्नो मून रखा गया है। नासा ने बताया है कि भारी बर्फबारी के कारण इसे ‘स्नो मून’ कहा गया। इस शीतकालीन अवधि के दौरान संसाधनों की कमी के कारण इस चंद्र घटना को “हंगर मून” भी कहा जाता है। इस खगोलीय घटना के सेल्टिक और पुरानी अंग्रेज़ी परंपराओं में अन्य लोकप्रिय नाम स्टॉर्म मून, आइस मून या बियर मून भी हैं।
नासा के अनुसार, “स्नो मून” शब्द अमेरिका में कुछ मूल अमेरिकी जनजातियों द्वारा सर्दियों की दूसरी पूर्णिमा को दिया गया ऐतिहासिक नाम है। साल के इस समय में होने वाली बर्फबारी के कारण इसे स्नो मून कहा जाता है। भोजन की उपलब्धता की कमी के कारण भारी बर्फबारी भी इसके वैकल्पिक नाम – “हंगर मून” भी कहा गया है। इसके कुछ अन्य नाम आइस मून और स्टॉर्म मून हैं। स्नो मून नाम मूल अमेरिकी और यूरोपीय परंपराओं से आया है। यह अमेरिका और यूरोपीय देशों में काफी लोकप्रिय है।
स्पेस डॉट कॉम के अनुसार, स्नो मून बुधवार की शाम से दिखाई देगा और सुबह 8:53 बजे ईएसटी (7:23 बजे आईएसटी) पर अपनी अधिकतम चमक तक पहुंच जाएगा और इस दौरान पूरा आसमान रोशनी से नहा उठेगा। चंद्रमा सूर्यास्त के आसपास पूर्व में उदय होगा और आधी रात तक अपने चरम पर पहुंच जाएगा। यदि आप इसे बुधवार को देखने से चूक जाते हैं, तो गुरुवार की रात भी इसकी एक झलक पाने का अवसर आपको मिल सकता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्नो मून बुधवार की शाम लगभग 6:41 PM बजे पर यह दिखना शुरू होगा। वहीं भारतीय समय के अनुसार, ये स्नो मून 12 फरवरी को करीब शाम 7 बजकर 23 मिनट पर आसमान में नजर आएगा। माघ पूर्णिमा का स्नो मून दूधिया रोशनी से नहाया नजर आएगा और आगे चलकर अपनी चरम रोशनी पर पहुंच जाएगा। अगली बार 2 फरवरी, 2026 को स्नो मून दिखाई देगा।