सहारनपुर। सहारनपुर के अंबेहटा के जनसेवा केंद्र पर हुई लूट मामले में पुलिस की मुठभेड़ पर सवालिया निशान खड़े हो गए। लूट में शामिल एक लुटेरे का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह फर्जी मुठभेड़ का दावा कर रहा। उसने बताया कि जनसेवा केंद्र से डेढ़ लाख रुपये नहीं लूटे गए। गल्ले में सिर्फ 6700 रुपये थे। इनमें 700 रुपये के सिक्के और 6200 रुपये के नोट निकले थे।
दरअसल, 21 दिसंबर को अंबेहटा कस्बे के जनसेवा केंद्र पर लूट हुई थी। खैरसाल निवासी विन्नी नागर के फेसबुक पेज पर वीडियो अपलोड की गई, जिसमें खुद को जनसेवा केंद्र में हुई लूट में शामिल होना बताया। वीडियो में लुटेरे दावा कर रहा है कि घटना में छह लुटेरे शामिल थे, जिनमें से चार लुटेरे जनसेवा केंद्र में गए थे, जबकि दो बाहर बाइक पर खड़े थे। नकदी और तीन मोबाइल लूटे थे। मोबाइल रास्ते में ही फेंक दिए थे।
उसका दावा है कि पुलिस ने लूट मामले में खैरसाल गांव के ही निखिल और इस्तखार को गलत फंसाया है, जबकि निखिल तो वारदात में शामिल नहीं था और न ही उसे घटना के बारे में पता था। हम उससे उसके दोस्त की बाइक मांगकर लाए थे। घटना में तीन युवक गांव खैरसाल के थे, जबकि तीन बाहर के थे, जो सावेज के साथ आए थे।उसका यह भी दावा है कि निखिल मजदूरी करता है। मुठभेड़ में उसे गिरफ्तार दिखाया गया।