लखनऊ। राजधानी लखनऊ में रियल एस्टेट कंपनी अमरावती ग्रुप के कर्मचारी रवि कुमार के नाम पर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के समीप कठिंगरा गांव में खरीदी गई संपत्ति को जब्त करने के आयकर विभाग के आदेश पर नई दिल्ली स्थित निर्णायक प्राधिकारी ने मुहर लगा दी है। इस संपत्ति को करीब 3.50 करोड़ रुपये में खरीदा गया था, जिसकी वर्तमान बाजार कीमत 40 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। आयकर विभाग ने रवि कुमार के नाम पर खरीदी गई कई अन्य संपत्तियों को भी चिन्हित किया है, जिसे भी निर्णायक प्राधिकारी ने जल्द जब्त करने को कहा है।
बता दें कि आयकर विभाग ने बीते वर्ष रियल एस्टेट कंपनी पिनटेल और अमरावती ग्रुप के ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान तमाम संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे, जिनमें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के निकट स्थित काकोरी के कठिंगरा गांव की 70 सेल डीड भी शामिल थीं। आयकर विभाग ने सभी संपत्तियों को जब्त कर लिया था। जांच में सामने आया था कि इनमें से दलितों से खरीदी गई भूमि की पांच सेल डीड अमरावती ग्रुप के कर्मचारी रवि कुमार के नाम पर ट्रांसफर की गई थी। इसके बाद आयकर विभाग ने रवि कुमार के नाम पर ट्रांसफर हुई जमीनों को बेनामी संपत्ति अधिनियम के तहत जब्त कर लिया था।
बाद में यह प्रकरण अंतिम निर्णय के लिए नई दिल्ली स्थित निर्णायक प्राधिकारी को भेजा गया, जिसने करीब एक साल तक जांच के बाद आयकर विभाग के आदेश पर मुहर लगा दी है। जिसके बाद ये संपत्तियां सरकारी हो गई हैं। जांच में पता चला कि ये संपत्तियां पहले अमरावती ग्रुप के हरेश कुमार मिश्रा के नाम पर खरीदी गई थीं। बाद में इन्हें रवि कुमार के नाम पर ट्रांसफर कर दिया गया, जबकि उसकी माली हालत करोड़ों रुपये की संपत्तियां खरीदने की नहीं थी। इन संपत्तियों को कठिंगरा गांव के सर्किल रेट पर खरीदा गया था, जबकि वास्तविक कीमत कई गुना ज्यादा थी। इस मामले में आयकर विभाग ने हरेश मिश्रा के ठिकानों पर भी छापा मारा था।