चंडीगढ़। हम तो छोटे साहब के ही रहे, मगर अब छोटे साहब ही हमें छोड़कर चले गए। टीवी पर चल रही उनकी मृत्यु से जुड़ी खबरों पर भरोसा भी नहीं कर पा रहा हूं। बचपन में मां-बाप को खोने से ज्यादा तकलीफ आज छोटे साहब की मृत्यु की है। मैं अपने दर्द को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। यह कहना है चौटाला परिवार की चार पीढ़ियों से सेवा करते आ रहे 52 साल के रामू का।
चंडीगढ़ स्थित इनेलो के प्रदेश कार्यालय में रसोई संभालने वाले रामू ने बताया कि वह 1990 में करीब 18 साल की उम्र में नेपाल से हरियाणा चौटाला परिवार में आए थे। तब चंडीगढ़ सेक्टर-3 में फ्लैट नंबर-22 इनेलो का दफ्तर था। 34 वर्ष पहले पूर्व उप-प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल ने रामू की ड्यूटी ओमप्रकाश चौटाला के रसोइए के तौर पर लगाई थी। रामू ओमप्रकाश चौटाला को छोटे साहब कहते हैं। उन्होंने बताया कि ओमप्रकाश चौटाला को उनके हाथ का बना साग व मक्के की रोटी के साथ मीठी लस्सी बहुत पसंद थी।
वे कभी चाय नहीं पीते थे, हमेशा ग्लास में दूध पीते थे। साल 2019 में इनेलो से अलग होकर जजपा बनाने के बाद दुष्यंत चौटाला ने रामू को अपने साथ रखने की काफी कोशिश की, लेकिन रामू ओमप्रकाश चौटाला के साथ ही रहे। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के अध्यक्ष और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला (89) का शुक्रवार को गुरुग्राम में निधन हो गया। हरियाणा सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के सम्मान में तीन दिवसीय राजकीय शोक और शनिवार को सभी स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है।
पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे और पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के बेटे चौटाला को गुरुग्राम में उनके घर पर दिल का दौरा पड़ा। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। उन्होंने मेदांता अस्पताल में दोपहर करीब 12 बजे अंतिम सांस ली। हरियाणा के एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले और एक प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी का चेहरा रहे चौटाला पिछले कुछ समय से उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे।
उनकी गिनती उन नेताओं में होती थी जो जमीनी कार्यकर्ताओं को नाम भी याद रखते थे। कई बार तो कार्यकर्ताओं के घर में रुक जाते थे। हरी पगड़ी ओमप्रकाश चौटाला की पहचान बन गई थी। वे सात बार विधायक बने और एक बार राज्यसभा के सांसद भी रहे। उनसे जुड़े लोग उन्हें हरियाणा की राजनीति का बूढ़ा शेर कहने लगे थे। ओपी चौटाला की पत्नी स्नेह लता का पांच साल पहले निधन हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौटाला के निधन पर शोक जताते हुए कहा, वह प्रदेश की राजनीति में वर्षों तक सक्रिय रहे और उन्होंने लगातार चौधरी देवी लाल के काम को आगे बढ़ाने का प्रयास किया।
‘हरियाणा सरकार ने शनिवार को सभी स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की है क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के निधन के मद्देनजर राज्य तीन दिवसीय शोक मना रहा है। 2019 में जब वह तिहाड़ जेल में बंद थे तो 84 साल की उम्र में उन्होंने दसवीं की परीक्षा दी, मगर अंग्रेजी का पेपर नहीं दे पाए थे। 86 की उम्र में अगस्त 2021 में उन्होंने अंग्रेजी की सप्लीमेंट्री परीक्षा दी। मई 2022 में परिणाम आया तो उन्हें 88 फीसदी अंक हासिल हुए। हालांकि इस दौरान उनका 12वीं का रुका परिणाम भी जारी कर दिया गया। 12वीं की परीक्षा भी उन्होंने पास कर ली थी।