लखनऊ। राजधानी लखनऊ में 15 दिन पहले जमीन के विवाद में हुई मारपीट में घायल रिटायर्ड होमगार्ड गंगा प्रसाद ने रविवार रात अस्पताल में दम तोड़ दिया। परिजनों और ग्रामीणों ने सोमवार को सोनवा-भैंसामऊ रोड पर शव रखकर चार घंटे तक प्रदर्शन किया। घरवालों ने मामले में प्रधान समेत छह लोगों को गिरफ्तार करने की मांग की। एसडीएम सतीश चंद्र त्रिपाठी व एसीपी बीकेटी रिषभ रुणवाल ने आरोपियों की गिरफ्तारी की फोटो दिखा लोगों को शांत कराया।
महिगवां के सोनवा गांव निवासी गंगा प्रसाद और प्रधान अशोक गिरि का 30 नवंबर को दो सौ वर्गफीट जमीन के लिए विवाद हो गया था। मारपीट के दौरान प्रधान व उसके घरवालों ने रिटायर्ड होमगार्ड के सिर पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया था। गाड़ियां व दुकान का सामान तोड़ दिया था। पथराव भी किया था। गंगा प्रसाद को छत पर फेंक दिया था। इसके सभी भाग निकले थे। पिटाई में गंगा प्रसाद के दोनों बेटे रंजीत और मोहित भी घायल हो गए थे। हालत गंभीर होने पर बहू संध्या ने ससुर गंगासागर का अस्पताल में भर्ती कराया था।
पोस्टमार्टम हाउस से सोमवार को जैसे ही शव घर पहुंचा तो परिजन व ग्रामीण आक्रोशित हो गए। वे शव एंबुलेंस से उतारने को तैयार नहीं हुए। पुलिस के मान मनौव्वल पर परिजनों ने शव नीचे उतारा। घर से पांच सौ मीटर दूर सड़क पर शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस अधिकारियों के आश्वासन पर अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। इस दौरान इटौंजा, महिंगवा और बीकेटी थाने की पुलिस मौजूद रही। इंस्पेक्टर महिंगवा शिव मंगल सिंह के मुताबिक प्रधान अशोक, संजय, मनीष, वरुण, गेंदालाल व अभय को गिरफ्तार किया गया है।
रिटायर्ड होमगार्ड के बेटों का आरोप है कि आरोपी प्रधान ने पुलिस के सामने ही पिता को पीटा था। आरोप है कि अगर उस समय अगर महिगवां पुलिस ने सख्त कार्रवाई की होती तो शायद आज पिता जिंदा होते।