उत्तराखंड के सभी निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के अंतर्गत गरीब मरीजों का इलाज अनिवार्य किया जाएगा। राज्य सरकार ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक निजी अस्पताल में 10 से 15 बेड आयुष्मान योजना के मरीजों के लिए आरक्षित किए जाएं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस निर्णय पर सख्त कदम उठाते हुए विभाग को निर्देशित किया है कि सभी अस्पताल इस योजना के तहत आएं।
वर्तमान में कई बड़े निजी अस्पताल जैसे मैक्स, सीएमआई, और सिनर्जी आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध नहीं हैं, जिससे गरीब मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। राज्य में करीब 60 लाख लोग आयुष्मान कार्ड धारक हैं, और उनका इलाज सुचारू रूप से हो सके, इसके लिए सरकार यह कदम उठा रही है।
सरकारी कर्मचारियों के गोल्डन कार्ड योजना के तहत भी सभी अस्पताल सूचीबद्ध नहीं हैं, इसलिए इस योजना को भी विस्तार देने की मांग की जा रही है।