ऊधम सिंह नगर। ऊधमसिंह नगर जिले में पुलिस मुठभेड़ में अपराधियों के पकड़े जाने का सिलसिला जारी है। दो महीने पहले पीपलपड़ाव रेंज के जंगल में वनकर्मियों पर फायरिंग के मामले में फरार चल रहा मुख्य अभियुक्त गदरपुर में हुई पुलिस मुठभेड़ में पकड़ा गया है। बाइक से भागने की कोशिश में घिरे अभियुक्त ने पुलिस पर दो फायर किए थे। पुलिस की ओर से जवाबी फायर में पैर पर गोली लगने से वह घायल हो गया। मामले में पुलिस अब तक चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर चुकी है।
छह सितंबर को पीपलपड़ाव रेंज में सागौन के पेड़ काट रहे तस्करों के साथ वनकर्मियों की मुठभेड़ हो गई थी। तस्करों की ओर से हुई फायरिंग में रेंजर रूप नारायण गौतम सहित चार वनकर्मी घायल हो गए थे। पुलिस ने रेंजर की तहरीर पर बाजपुर के हरिपुरा हरसान निवासी संगत उर्फ संगी, गुरमीत उर्फ गेजी, केलाखेड़ा के थापानगला निवासी कुलदीप, संदीप, केलाखेड़ा के ग्राम मड़ैया हट्टू निवासी सर्वजीत उर्फ सब्बी सहित अज्ञात पर केस दर्ज किया था।
नौ सितंबर को पुलिस ने नामजद तस्कर गुरमीत सिंह उर्फ गेजी और 12 सितंबर को सर्वजीत सिंह उर्फ छब्बी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने संगी को छोड़कर आठ अन्य अभियुक्तों के घरों पर कुर्की का नोटिस चस्पा किया था। मंगलवार को गदरपुर पुलिस ने फायरिंग मामले में फरार स्वर्ण सिंह उर्फ सोनू निवासी मडियाहट्टू केलाखेड़ा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एसएसपी ने एसओजी और गदरपुर थाना पुलिस को मुख्य अभियुक्त संगी को गिरफ्तार करने के सख्त निर्देश दिए थे।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि बुधवार देर रात पुलिस टीम गदरपुर क्षेत्र में बेरिया अंडर बाइपास के पास चेकिंग कर रही थी। इसी बीच संदिग्ध बाइक सवार को पुलिस ने रुकने का इशारा किया। अचानक बाइक सवार पुलिस टीम पर तमंचे से फायर झोंक भाग निकला। इस पर पुलिस फोर्स को अलर्ट कर उसकी घेराबंदी की गई। आरोपी इस पर वह मोतियापुर-दिनेशपुर की ओर भागा। इस दौरान पुलिस टीम भी पीछा करते हुए पहुंची तो संगी खेत में पेड़ के पीछे छिप गया। इसके बाद उसने फिर से पुलिस पर फायर झोंक दिया। इस पर पुलिस की जवाबी फायरिंग में उसके बाएं पैर पर गोली लगी और वह घायल हो गया। उसकी पहचान वनकर्मियों पर फायरिंग के मुख्य आरोपी संगत उर्फ संगी के रूप में हुई थी। उसे इलाज के लिए सीएचसी गदरपुर ले जाया गया था और प्राथमिक इलाज के बाद हायर सेंटर भेज दिया गया। बताया कि उससे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस ने संगी सहित चार लोगों के गदरपुर थाना क्षेत्र में होने की सूचना मिली थी। इस पर टीम सक्रिय हुई तो पुलिस ने स्वर्ण सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। संगी और अन्य तस्करों के क्षेत्र में होने की जानकारी के बाद पुलिस एक्टिव मोड में थी। खुद एसपी सिटी मनोज कत्याल दिनेशपुर थाने में डेरा डाले थे। जैसे ही बाइक सवार की ओर से फायरिंग की सूचना वायरलेस सेट पर फ्लैश हुई तो एसएसपी ने आसपास की टीम को मौके पर भेज दिया। एसएसपी ने बताया कि एसओजी के साथ ही दिनेशपुर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। एसपी सिटी के अलावा एसपी काशीपुर अभय सिंह भी वहां पहुंच गए थे। बताया कि बदमाश की ओर से हुई फायरिंग में पुलिसकर्मी बाल बाल बच गए थे।
दो महीने पहले वनकर्मियों पर फायरिंग करने के बाद बदमाश भूमिगत हो गए थे। उन्होंने घर छोड़ने के साथ ही मोबाइल का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था। कई तस्कर पंजाब भाग गए थे। एसएसपी ने बताया कि संगत ने अपने घर से खर्च के लिए रुपये लिए थे। उसके साथ एक और युवक भी था। दोनों अलग-अलग बाइकों को अलग-अलग दिशाओं में निकले थे। संगत बाइक कहीं रखने के बाद रात में ही पंजाब भागने की फिराक में था। लेकिन इससे पहले वह मुठभेड़ में पकड़ा गया। पीपलपड़ाव रेंज के जंगल में वनकर्मियों को ललकारते हुए फायरिंग करने वाला शातिर तस्कर संगत उर्फ संगी के तेवर मुठभेड़ में गोली लगने के बाद ठंडे पड़ गए। स्ट्रेचर पर लेटे संगी से एसएसपी पूछताछ करने पहुंचे तो वह हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगा। उसने गलती होने और माफ करने की गुहार लगाई। एसएसपी ने बताया कि उसकी आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है। अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जाएगी।
पुलिस मुठभेड़ में घायल संगत बड़ा लकड़ी तस्कर है। बताया जाता है कि वह जंगल से लंबे समय से लकड़ी तस्करी करता रहा है। वनकर्मियों पर फायरिंग के मामले के बाद उसने अपने खिलाफ कार्यवाही पर रोक के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके चलते पुलिस उसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू व कुर्की की उद्घोषणा की कार्यवाही नहीं कर पाई थी। एसएसपी ने बताया कि संगत के खिलाफ वन विभाग और आईपीसी के 46 केस दर्ज हैं। यूपी के थानों में भी उसके खिलाफ दर्ज केसों की जानकारी की जा रही है। बताया कि संगत ने पुलिस को देखते ही फायर झोंक दिया था। उसके पास से 12 बोर और 315 बोर के तमंचे व बाइक बरामद हुई है। यह पता किया जा रहा है कि वह बाइक कहां छिपाने वाला था। उसको शरण देने वालों पर भी कार्यवाही की जाएगी।
जिले में पुलिस मुठभेड़ में अपराधियों के पकड़े जाने का सिलसिला जारी है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा के दो महीने के कार्यकाल में पांच पुलिस मुठभेड़ हो चुकी है। इनमें चार मुठभेड़ में भागने की कोशिश में फायर झोंकने वाले चार बदमाश पुलिस की गोली से घायल हो चुके हैं। बीते 24 सितंबर को जसपुर में पुलिस मुठभेड़ में लूट का अभियुक्त और हिस्ट्रीशीटर दिलशाद की गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस पर फायर करने के बाद जवाब फायरिंग में वह गोली लगने से घायल हुआ था। 25 सितंबर की रात लूट का आरोपी और हिस्ट्रीशीटर साजिश काशीपुर के मिस्सरवाला में गिरफ्तार हुआ था। पुलिस से बचने के लिए साजिद ने फायरिंग की थी, लेकिन पुलिस की जवाबी फायरिंग में उसके पैर में गोली लगी थी।
17 अक्तूबर की रात नानकमत्ता में पुलिस पर फायरिंग करने का आरोपी बलजीत सिंह निवासी ग्राम टुकडी पुलिस मुठभेड़ में पुलभट्टा थाना क्षेत्र के शहदौरा के जंगल से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस को देखकर जसपाल ने तमंचे से दो फायर झोंक दिए थे। जवाबी फायर में जसपाल के दाएं पैर में गोली लग गई और वह घायल हो गया। उनके पास से तमंचा और बाइक बरामद हुई थी। अब गदरपुर में पुलिस मुठभेड़ में संगी की गिरफ्तारी हुई है और उसके पैर पर गोली लगी है।