देहरादून। रायपुर क्षेत्र में युवती से दुष्कर्म मामले में एसएसपी अजय सिंह ने विवेचना के लिए अलग टीम गठित करते हुए दो महिला उप निरीक्षकों को नियुक्त किया है। मुकदमे में विवेचना में तकनीकी सहायता के लिए एसओजी से पुलिस कर्मियों को नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सीसीटीवी फुटेज खंगालने व घटना से संबंधित सभी गवाहों से साक्ष्य संकलन के लिए अलग से चार तकनीकी टीमों का गठन किया गया है। वहीं दुष्कर्म के एक आरोपित अभिषेक निवासी नारायणपुर रायपुर को जेल भेज दिया। वहीं दो आरोपित की संलिप्तता सामने न आने के चलते छोड़ दिया गया।
गुरुवार को रायपुर क्षेत्र में परिचित युवती को जंगल में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था। घटना से आक्रोशित पीड़िता के स्वजन भीड़ के साथ रायपुर थाने पहुंचे और जमकर हंगामा किया। पुलिस ने मुख्य आरोपित अभिषेक सहित तीन युवकों के विरुद्ध सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर हिरासत में ले लिया। तब भीड़ का गुस्सा शांत हुआ। इस बीच युवकों को झूठा फंसाने का आरोप लगाते हुए थाने की तरफ बढ़ रहे कुछ लोगों को पुलिस ने करीब दो सौ मीटर पहले ही रोक लिया। उनकी पुलिस के साथ नोकझोंक भी हुई। हालांकि बाद में उन्हें लौटा दिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि घटनास्थल के आसपास की सीसीटीवी फुटेज देखने पर पता चला कि आरोपित अभिषेक गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे चार नंबर चक्की के पास खड़ा था। कुछ समय बाद वह एक युवती को पैदल-पैदल मैजिक वाहन तक लाया और फिर किद्दूवाला में एक सुनसान जगह पर ले जाकर दुष्कर्म किया। करीब दो घंटे बाद वापस लेकर चार नंबर चक्की पर आया।
इस दौरान रास्ते में अभिषेक ने अपने एक परिचित ड्राइवर से मोबाइल लेकर अपने दोस्तों को फोन किया। अभिषेक को फोन देने वाले परिचित ड्राइवर ने टाटा मैजिक में केवल युवती के बैठे होने की जानकारी दी। इसके बाद चार नंबर चक्की आटो स्टैंड के आसपास लोगों ने भी आरोपित व उसके दो साथियों अंकित व आदित्य को घटना के समय अलग-अलग स्थानों पर देखना बताया। पूरे घटनाक्रम में काल डिटेल, मोबाइल लोकेशन का परीक्षण व सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो उनमें अभिषेक केदोस्तों अंकित और आदित्य की घटना स्थल पर मौजूदगी नहीं पाई गई। शुक्रवार को विवेचक ने पीड़ित के बयान दर्ज किए, जिसके बाद उसके मजिस्ट्रेट के समक्ष भी बयान दर्ज कराए गए। पीड़ित ने बयानों में केवल अभिषेक पर ही दुष्कर्म का आरोप लगाया है।