नैनीताल। दुष्कर्म और पॉक्सो के आरोपी मुकेश बोरा को पकड़ने के लिए पुलिस यूपी, दिल्ली, राजस्थान और पंजाब में डेरा डाले हुए है। पुलिस को शक है कि दुग्ध संघ में दूध देने वाले बाहरी ठेकेदार बोरा की मदद कर रहे हैं। इस कारण पुलिस राज्यों में पहुंची है। मुकेश बोरा के खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो का मुकदमा दर्ज हुए 23 दिन बीत चुके हैं। दून में मौजूद पुलिस महकमे के उच्चाधिकारी भी मामले की निगरानी कर रहे हैं। बोरा की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस पर भारी दबाव है। पुलिस इस कारण जांच का दायरा बढ़ा रही है।
19 सितंबर को बोरा भोजीपुरा में देखा गया था। मुकेश बोरा इतना शातिर है कि पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह वहां से निकल गया। पुलिस अब उन स्थानों पर दबिश दे रही हैं जहां से दुग्ध संघ में कच्चा दूध आता है। सूत्र के अनुसार पुलिस बदायूं, बरेली, दिल्ली, पंजाब आदि जगह भी डेरा डाले हुए है। एसएसपी पीएन मीणा ने बताया कि आरोपी की को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बोरा की तलाश में टीमों को दिल्ली, बदायूं और पंजाब के अलावा अन्य स्थानों पर भेजा गया है।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि मुकेश बोरा के पास के पास लाइसेंसी शस्त्र है। इस पर पुलिस ने शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराने की प्रक्रिया शुरू की है। एसएसपी ने बताया कि शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए रिपोर्ट डीएम को भेजी गई है। एसओजी की टीम ने एक नेता और प्रापर्टी डीलर को पूछताछ के लिए उठाया है। बताया जा रहा है यह नेता और प्रापर्टी डीलर भीमताल के रहने वाले हैं।
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेसी नेता देवेंद्र चनौतिया, सुरेंद्र सिंह परिहार से पुलिस पूछताछ कर रही है। दोनों के मोबाइल भी पुलिस ने कब्जे में लिए हैं। साथ ही इनके खास लोगों के नंबरों की भी पुलिस सीडीआर निकाल रही है। सूत्र बताते हैं कि चालक ने ही परिवहन कर अधिकारी, निवर्तमान चेयरमैन देवेंद्र चनौतिया, सुरेंद्र सिंह परिहार और ब्लॉक प्रमुख आशा रानी के बारे में बताया था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार नैनीताल दुग्ध संघ के अधिकारी से जब पुलिस ने पूछताछ की तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। अधिकारी ने यहां तक कहा दिया कि दुग्ध संघ की जांच कराओ। जांच में कच्चा दूध 25 से 27 हजार लीटर कम होगा। कहा कि इसकी जानकारी यूसीडीएफ के अधिकारियों को भी है। इसके बाद भी अधिकारी जांच नहीं करा रहे हैं। कहा कि इस जांच में बोरा के कई करीबी फंस सकते हैं।