सोनप्रयाग (रुद्रप्रयाग)। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग ऊर्जा निगम के पावर हाउस बैंड से कुछ दूरी पर 60 मीटर पूरी तरह से वॉशआउट हो रखा है। यहां पर पहाड़ी दरक रही है, जिससे छोटे-बड़े पत्थर गिर रह रहे हैं। वहीं, 200 मीटर नीचे बह रही मंदाकिनी पूरे उफान पर है। इन दोनों के बीच में रेस्क्यू दल में जुटे जवान रस्सों के सहारे लोगों की जिंदगी बचाने की मशक्कत कर रहे हैं।
हल्की सी चूक जान पर भारी पड़ सकती है, लेकिन जवानों का हौसला देखते बन रहा है। ये जवान जान हथेली पर रखकर एक-एक यात्री को खड़ी चट्टान से नीचे उतारकर सकुशल सोनप्रयाग पहुंचा रहे हैं। डीएम और एसपी की मौजूदगी में दोपहर तक 850 से अधिक यात्रियों का रेस्क्यू किया जा चुका था।
बुधवार रात को गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि से उपजे हालात के बीच फंसे हजारों यात्रियों का रेस्क्यू किया जा रहा है। दो दिन से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस जवानों की मदद से रेस्क्यू अभियान चल रहा है। शुक्रवार सुबह साढ़े छह बजे से सोनप्रयाग में हाईवे के दूसरी तरफ फंसे यात्रियों को सकुशल बाजार तक पहुंचाने के लिए रेस्क्यू शुरू किया गया। जहां पर रेस्क्यू किया जा रहा है, वहां हालात सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं। यहां हाईवे से करीब 100 मीटर ऊपर से पहाड़ी दरक रही है।
इससे सड़क का 60 मीटर हिस्सा ध्वस्त होकर मंदाकिनी नदी में समा चुका है। पहाड़ी से लगातार छोटे-बड़े पत्थर के साथ मिट्टी गिर रही है, जबकि 200 मीटर नीचे मंदाकिनी नदी अपने चरम पर बह रही है। क्षेत्र में एनडीआरएफ के जवान गौरीकुंड से पहुंच रहे यात्रियों और स्थानीय लोगों को रेस्क्यू कर सोनप्रयाग बाजार तक पहुंचा रहे हैं। ये जवान रस्सों के सहारे यात्रियों को एक-एक कर पहाड़ी से निकालकर बाजार पहुंचाने के बाद ही सांस ले रहे हैं।
रेस्क्यू के दौरान कई यात्री घायल भी हो रहे हैं। 15-एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट आरएस धपोला कफोला ने बताया, पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन के बीच एक-एक यात्री का सकुशल रेस्क्यू किया जा रहा है। पहाड़ी के लगातार दरकने से रॉक एंकर को स्थापित करने में भी दिक्कतें हुईं।
एक ओर जहां प्रशासन व पुलिस फंसे यात्रियों और स्थानीय लोगों के रेस्क्यू में जुटी है। वहीं, कई लोग ऐसे हैं, जिनसे परिजनों का कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। एक पिता अपने बेटे को ढूंढने के लिए नोएडा से सोनप्रयाग पहुंचे हैं। नोएडा से पहुंचे अनुराग ने बताया, उनका 21 वर्षीय बेटा चिराग 29 जुलाई को पांच लोगों के साथ केदारनाथ आया था। 31 जुलाई को बाबा केदार के दर्शन के बाद धाम से उसने फोन कर बताया था कि वह पैदल मार्ग से वापस लौट रहे हैं। उसका एक दोस्त सोनप्रयाग पहुंच चुका है, लेकिन अनुराग सहित अन्य चार का अभी तक कोई पता नहीं है। अनुराग, चिराग का फोटो लेकर सोनप्रयाग बाजार में घूमते हुए लोगों से उसके बारे में पूछ रहे हैं। इधर, केदारघाटी के खुमेरा गांव के अरविंद भी अपने भाई की तलाश कर रहे हैं।
बनारस से बाबा केदार के दर्शनों को 25 सदस्यीय महिला यात्री दल पहुंचा था। यह दल 31 जुलाई को पैदल मार्ग से धाम जा रहा था पर मूसलाधार बारिश और अतिवृष्टि से वह नहीं पहुंच सके। बृहस्पतिवार को दल में शामिल 18 महिलाओं का हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा चुका है। दल में शामिल रेखा साहनी ने बताया कि शेष छह सदस्य पैदल मार्ग से गौरीकुंड पहुंच रहीं हैं, जिनका इंतजार किया जा रहा है।
यूपी के गाजियाबाद से बीते 30 अगस्त को 14 सदस्यीय दल 30 जुलाई को धाम पहुंचा था। यह दल अगले दिन दर्शन कर वापस लौट रहा था, लेकिन अतिवृष्टि ने उनकी राह रोक दी। रेस्क्यू अभियान के बीच दल में शामिल सभी लोग आराम-आराम से नीचे की तरफ बढ़ते रहे। शुक्रवार को 14 सदस्यीय दल सकुशल सोनप्रयाग पहुंच गया है। दल के सदस्यों का कहना है कि पैदल मार्ग की स्थिति कई जगहों पर भयावह बनी हुई है, बावजूद बाबा ने उन्हें बचा लिया है।
टैक्सी यूनियन गुप्तकाशी के उपाध्यक्ष रमेश भट्ट ने बताया, बुधवार रात को भारी बारिश के कारण सोनप्रयाग पावर हाउस मोड पर तीन बोलेरो, एक पिकअप नदी में बह चुकी है। साथ ही शटल सेवा में संचालित होने वाली वैन भी आपदा में बह गई हैं। एक बाइक और एक स्कूटी भी मंदाकिनी नदी में समा चुकी है। वहीं, हैटल सेवा के 50 वाहन मुनकटिया में फंसे हैं। इसके अलावा 15 से 20 वाहन रेस्क्यू अभियान में प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं।