देहरादून। दून में मानसून की पहली मूसलधार वर्षा से पूरा शहर पानी-पानी हो गया। करीब छह घंटे हुए तेज वर्षा के कारण सड़कों पर भारी मात्रा में पानी बहने लगा और चौक-चौराह तालाब में तब्दील हो गए। स्मार्ट सिटी दून का ड्रेनेज सिस्टम भी पूरी तरह फेल नजर आया।
वर्षा का पानी नालियों से ओवरफ्लो होकर सड़कों पर जमा हो गया। जिससे जाम की समस्या बनी और आवाजाही प्रभावित होती रही। वहीं, कई प्रमुख क्षेत्रों में दुकानों व घरों में भी पानी घुसा। रिस्पना-बिंदाल समेत तमाम नदी-नाले उफान पर आ गए, जिससे आसपास की बस्तियों को खतरा पैदा हो गया।
हर बार की तरह इस वर्षाकाल में भी दूनवासियों की फजीहत शुरू हो गई है। मूसलधार वर्षा के बीच दर्शनलाल चौक, बुद्धा चौक, दून अस्पताल चौक, प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन गेट समेत शहर के मुख्य मार्ग तालाब में तब्दील नजर आए। नालियों के जगह-जगह चोक होने और संकरी होने के कारण पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहता रहा।
दोपहर में जगह-जगह हुए जलभराव से शहर में जाम भी लगा रहा। वहीं, पैदल राहगीरों को भी आवाजाही में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा। आइएसबीटी चौक पर फिर वही आलम दिखा, नालियों से वर्षा का पानी सड़क पर आ गया और सड़क पूरी तरह जलमग्न हो गई। इसके अलावा शहर के कई प्रमुख मार्गों पर यही स्थिति रही।
दर्शन लाल चौक पर घंटाघर और बुद्धा चौक की ओर से भारी मात्रा में वर्षा का पानी आने से यहां सड़कें जलमग्न हो गईं। जिससे पानी आसपास की कई दुकानों में घुस गया। यहां से पानी दून अस्पताल की ओर बहता रहा। नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अशोक वर्मा ने बताया कि ड्रेनेज सिस्टम की खामी के कारण दर्शनलाल चौक पर जलभराव हो रहा है।
लैंसडौन चौक से बुद्धा चौक होते हुए नाली को दर्शनलाल चौक पर जोड़ा गया है, जबकि घंटाघर से भी वर्षा का पानी यहीं आता है। नालियों की चौड़ाई कम होने के कारण पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बह रहा है। जिसका स्थायी समाधान जरूरी है।
राजपुर रोड विधायक खजानदास ने दर्शनलाल चौक और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव पर अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने को लेकर कई बार अधिकारियों को निर्देशित किया गया, लेकिन उसके बावजूद जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल रही है।
उन्होंने बताया कि दर्शनलाल चौक से सहारनपुर चौक तक 34 करोड़ की लागत से ड्रेनेज सिस्टम स्थापित किया जाना था, जिस पर अब तक कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। इस संबंध में उन्होंने जल्द बैठक करने की बात कही।
हरिद्वार रोड पर ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण स्थल के बाहर पड़ी रोड़ी-बजरी के कारण नालियां चोक हो गईं और वर्षा का पानी भारी मात्रा में सड़क पर बहता रहा। आराघर चौक पर नाली ओवरफ्लो होने के कारण सड़क पूरी तरह जलमग्न रही। धर्मपुर चौक और सब्जी मंडी से फव्वारा चौक तक सड़क तालाब बनी रही।
ओल्ड डालनवाला, इंदर रोड, इंद्रा मार्केट, सहारनपुर रोड आदि में भी जलभराव रहा। सहारनपुर चौक के पास निर्माण सामग्री के कारण जल निकासी नहीं हो सकी। लालपुल कारगी मार्ग पर भी नालियां शोपीस बनी हैं, यहां वर्षा का पानी सड़कों पर बह रहा है।
प्रिंस चौक के पास जलभराव के दौरान एक बिजली के खंभे पर करंट दौड़ने लगा। जिसका पता चलते ही वहां दुकानदारों में हड़कंप मच गया। उन्होंने तत्काल नगर निगम के कंट्रोल रूम में सूचना दी। जिसके बाद शटडाउन लेकर जल निकासी की गई।
सहस्रधारा-कार्लीगाड-सरोना मार्ग और मालदेवता से सटे कई ग्रामीण मार्ग मलबा आने से बाधित हो गए। इसके अलावा सेरकी-सिल्ला मार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण वाहनों की आवाजाही ठप रही। सूचना पर लोनिवि की ओर से जेसीबी के माध्यम से सड़कें खोलने का प्रयास किया गया।
मौसम विभाग की चेतावनी के अनुरूप दून में मंगलवार को मेघ जमकर बरसे। यह इस मानसून की पहली मूसलाधार वर्षा रही। सुबह करीब नौ बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक छह घंटे लगातार वर्षा हुई, जो कि कुल 104 मिमी दर्ज की गई। जबकि जौलीग्रांट क्षेत्र में 115 मिमी, झाझरा में 46 मिमी, ऋषिकेश में 43 मिमी, विकासनगर में 36 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई।