
देहरादून। फर्जी वेबसाइट पर पुलिस ने नकेल कसना शुरू किया तो साइबर ठगों ने नया पैंतरा अपना लिया है। ठग अब खुद को आईआरसीटीसी का अधिकारी बताकर लोगों को फंसाने में लगे हैं। इसके लिए पहले सच्ची बात बताई जा रही है ताकि लोगों को यकीन हो सके।
बताया जा रहा है कि चारधाम के लिए टिकटों की बुकिंग फुल हो चुकी है। लेकिन, अब कंपनी अपने कोटे के टिकटों को बेचकर यात्रा करा सकती है। इसके लिए ठगों ने सोशल मीडिया पर हेली बुकिंग के नाम से इश्तिहार प्रसारित किए हैं। ठगों के इस जाल से लोगों को बचाया जा सके इसके लिए प्रतिनिधि ने इस इश्तिहार के नंबर पर कॉल कर सारी स्थिति जानी। जो बात निकलकर सामने आई उससे यही लगा कि जरा सी सावधानी हटी तो ठगी का शिकार आसानी से बना जा सकता है।
हेली टिकट के लिए फेसबुक पर एक पेज मिला था। यहां पर हेलीकॉप्टर की फोटो के साथ डिस्प्ले पिक्चर में श्रीकेदारनाथ धाम का फोटो भी लगा था। नीचे एक मोबाइल नंबर लिखा हुआ था। ऐसे में ठग को इन बातों की जानकारी दी गई। उसे यह समझते देर न लगी कि यह वह मछली नहीं है जो उनके जाल में फंस जाए। ऐसे में एकाएक उसने फोन काट दिया।
ये हैं बातचीत के कुछ अंश
प्रतिनिधि : आप केदारनाथ के लिए हेली टिकट बुक करते हैं, मुझे भी श्रीकेदारनाथ धाम की यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर की बुकिंग करनी हैं।
ठग : हो जाएगी, मैं आईआरसीटीसी का ही अधिकारी बोल रहा हूं। सारे टिकट बुक हो चुके हैं। लेकिन 18 फीसदी हमारा अपना कोटा होता है। इसमें से टिकट मिल जाएंगे। कितने लोग हैं।
प्रतिनिधि : सात लोग हैं।
ठग : सभी का नाम पता भेज दो। सभी का 27 हजार रुपये लगेगा। इसमें से 30 फीसदी अभी जमा करना होगा। बाकी यात्रा के समय। एक के बाद एक चार टिकट बनाकर मोबाइल पर भेज दिए गए।
प्रतिनिधि : लेकिन, इतना कम कैसे। टिकट के तो ज्यादा पैसे हैं और जहां तक मुझे पता है ऐसी कोई व्यवस्था आईआरसीटीसी की नहीं है। यह सुनकर ठग ने फोन काट दिया और फिर फोन ही नहीं लगा।
ज्यादातर प्रदेश के बाहर के लोग हो रहे शिकार
फर्जी रजिस्ट्रेशन हो या फिर हेली टिकट का फर्जीवाड़ा। सभी मामलों में ज्यादातर ठगी के शिकार प्रदेश के बाहर के ही लोग हो रहे हैं। इसका कारण है कि प्रचार-प्रसार में कमी। प्रदेश के बाहर के लोगों में अब भी केदारनाथ व अन्य धामों की व्यवस्था के बारे में कम ही जानकारी है। यही नहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो किसी तरह जुगाड़ करने के चक्कर में जाल में फंस रहे हैं।
बचाव के लिए क्या करें
- आईआरसीटीसी की अधिकारिक वेबसाइट पर सर्च करें।
- आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर कोई भी मोबाइल नंबर नहीं है।
- फर्जी वेबसाइट पर मोबाइल नंबर लिखे होते हैं जो कि ठगों के होते हैं।
- सोशल मीडिया फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम आदि पर कोई टिकट बुकिंग की व्यवस्था नहीं है।
- किसी भी नंबर के संदिग्ध होने पर तत्काल पुलिस को सूचित करें।
- साइबर वित्तीय हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।
- एसटीएफ और साइबर पुलिस लगातार फर्जी वेबसाइट की निगरानी कर रही है। अपने फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया हैंडल से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जो शिकायतें आ रही हैं उनकी भी जांच की जा रही है। इस साल अब तक 20 फर्जी वेबसाइट ब्लॉक की जा चुकी हैं। यदि कोई ठगी का शिकार होता है या आशंका है तो साइबर वित्तीय हेल्पलाइन पर मदद मांग सकता है। एसटीएफ की ओर से मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं।
- – आयुष अग्रवाल, एसएसपी, एसटीएफ