ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश के इतिहास में ऐसी पहली घटना घटी, जिससे हर कोई हैरान है। पुलिस का वाहन चौथी मंजिल के वार्ड में अचानक घुस गया, जिससे यहां मरीजों में हड़कंप मच गया। मरीजों के बेड के बीचोंबीच गति से पुलिस का वाहन गुजरा। दरसअसल, एम्स में एक नर्सिंग ऑफिसर ने ऑपरेशन के दौरान महिला चिकित्सक से छेड़खानी की। घटना से जेआर व एसआर आक्रोशित हो गए और आरोपी को गिरफ्तार कर उनके सामने से ले जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
इस दौरान पुलिस को आरोपी को अभिरक्षा में लेने के लिए करीब दो घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। एम्स प्रशासन ने चिकित्सक को निलंबित कर दिया है। घटना सोमवार शाम सात बजे की है। बताया जा रहा है कि जनरल सर्जरी विभाग के ऑपरेशन थिएटर में दो महिला चिकित्सक व एक पुरुष चिकित्सक के साथ ही एक पुरुष नर्सिंग ऑफिसर सतीश कुमार मौजूद थे। ऑपरेशन के दौरान नर्सिंग ऑफिसर सतीश कुमार ने एक महिला चिकित्सक के साथ छेड़छाड़ की।
आरोप है कि उसने महिला चिकित्सक को व्हाट्सएप पर अनुचित मैसेज भी भेजे। इतना ही नहीं, आरोपी ने फांसी लगाने संंबंधी स्टीकर भेजकर मानसिक उत्पीड़न और डराने का प्रयास भी किया। पीड़ित महिला चिकित्सक ने इस संबंध में सोमवार देर शाम ही एम्स प्रशासन के साथ पुलिस चौकी में लिखित शिकायत दर्ज कराई। मंगलवार दोपहर तक कोई कार्रवाई न होने पर आक्रोशित जूनियर रेजीडेंट व सीनियर रेजीडेंट डाक्टरों ने परिसर में प्रदर्शन शुरू कर दिया।
इन चिकित्सकों की मांग थी कि आरोपी को गिरफ्तार कर उनके सामने से ले जाया जाए। चिकित्सकों ने आरोप लगाया कि आरोपी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए ऑपरेशन थिएटर की उपस्थिति रजिस्टर में छेड़छाड़ की गई। हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शन के बीच देर शाम करीब साढ़े पांच बजे आरोपी सतीश कुमार को हिरासत में लिया। आरोपी सतीश कुमार की सुरक्षित हिरासत के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
आरोपी के साथ कोई अनहोनी घटना न हो इसके लिए पुलिस अपना वाहन सीधे चौथी मंजिल पर लेकर गई। यहां करीब डेढ़ घंटे से अधिक देर तक चले ड्रामे के बाद पुलिस किसी तरह आरोपी को वाहन में बिठाकर बाहर लाई। आक्रोशित जेआर व एसआर ने पुलिस वाहन को रोकने का प्रयास भी किया। इस दौरान पुलिस कर्मियों व चिकित्सकों की नोकझोंक हुई। एम्स प्रशासन ने बताया कि मामले में विशाखा कमेटी ने जांच पूरी कर ली है। जांच रिपोर्ट निदेशक को सौंपी जाएगी। उसके बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
विशाखा गाइडलाइंस के तहत प्रत्येक ऐसी कंपनी या संस्थान जहां 10 या उससे ज्यादा कर्मचारी होते हैं वहां एक अंदरूनी शिकायत समिति (इंटर्नल कंप्लेंट्स कमेटी) गठित की जानी अनिवार्य होती है। इसमें अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी महिला को दी जाती है। इस कमेटी में यौन शोषण के मुद्दे पर ही काम कर रही किसी बाहरी गैर-सरकारी संस्था की एक प्रतिनिधि को भी शामिल करना अनिवार्य होता है। एम्स के आकस्मिक विभाग में उस समय हड़कंप मच गया, जब मरीजों के बेड के बीचोंबीच से गति से पुलिस का वाहन गुजरा।
यह एम्स ऋषिकेश के इतिहास में पहली घटना है। आरोपी को चिकित्सकों की भीड़ से बचाने के लिए पुलिस अपने वाहन को इमरजेंसी वार्ड के अंदर से लाई। एम्स ऋषिकेश में महिला चिकित्सक के साथ छेड़खानी मामले को महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल एम्स ऋषिकेश पहुंचीं और आईसीसी कमेटी व डीन डॉ. जया चतुर्वेदी, पीड़िता व उसकी सहयोगी महिला चिकित्सकों से मिलकर मामले की जानकारी ली। कंडवाल ने जिलाधिकारी को तत्काल जांच समित गठित करने के निर्देश दिए।
आरोपी नर्सिंग ऑफिसर के खिलाफ पीड़ित महिला चिकित्सक की शिकायत पर छेड़खानी व धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी को अभिरक्षा में लिया गया है। अग्रिम कार्रवाई की जा रही।
– एसएस बिष्ट, प्रभारी निरीक्षक, कोतवाली ऋषिकेश।
अंदरूनी शिकायत समिति ने मामले में जांच की है। जांच रिपोर्ट निदेशक को सौंपी जाएगी। आरोपी नर्सिंग ऑफिसर को निलंबित कर दिया गया है।
– संदीप कुमार, पीआरओ, एम्स ऋषिकेश।