देहरादून। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के माध्यम से बनाई गई फेक वीडियो प्रसारित हुई तो संबंधित अकाउंट को तत्काल ब्लॉक कर दिया जाएगा। चुनावों के मद्देनजर पुलिस ने एआई की चुनौती से निपटने के लिए खास रणनीति बनाई है। इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म के भारतीय कार्यालयों से पत्राचार किया गया है। चुनावों को प्रभावित करने वाली वीडियो की सर्विलांस 24 घंटे की जाएगी। इसके बाद संबंधित प्लेटफार्म से समन्वय बनाकर यह कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, पिछले दिनों देश में हुए पांच राज्यों के चुनावों में एआई आधारित वीडियो ने माहौल खराब करने का काम किया था। इसमें तमाम तरह की वीडियो से छेड़छाड़ कर उन्हें विभिन्न राजनेताओं की आवाज और शक्ल सूरत देकर बदला गया था। वर्तमान में एआई अब भी नई चीज है। ऐसे में इसका विशेष तोड़ किसी के पास नहीं है।
लिहाजा उत्तराखंड पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म से बात कर इस तरह की वीडियो पर अंकुश लगाने की योजना बनाई है। इसके लिए सभी सीमावर्ती राज्यों की पुलिस से भी समन्वय स्थापित किया गया है। इसके लिए 24 घंटे एसटीएफ और जिलों की साइबर सेल सोशल मीडिया पर सर्विलांस रखेंगे।
इस दौरान यदि कोई वीडियो या संदेश एआई के माध्यम से बनाया हुआ प्रसारित होता है तो इसकी रिपोर्ट संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफार्म के इंडिया ऑफिस को भेजी जाएगी। इसके बाद संबंधित अकाउंट को तत्काल प्रभाव से ब्लॉक कर दिया जाएगा।
मसलन कोई वीडियो यदि फेसबुक पर प्रसारित होता है तो मेटा के इंडिया ऑफिस से मेल या अन्य माध्यम से संपर्क कर संबंधित अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह से इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वाट्सएप आदि के अधिकारियों से पुलिस ने समन्वय स्थापित किया है। सीमावर्ती राज्यों की पुलिस को भी इस काम में साथ लिया जाएगा।
हमने सभी जिलों के साइबर सेल और साइबर थानों को अलर्ट किया है। सोशल मीडिया की 24 घंटे निगरानी की जा रही है। एआई इस वक्त बड़ी चुनौती है। इससे निपटने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म के अधिकारियों से भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है। ताकि, संबंधित अकाउंट पर तत्काल कार्रवाई की जा सके। -एपी अंशुमान, एडीजी कानून व्यवस्था, उत्तराखंड