बदायूं। दिल्ली में पकड़े गए नकली नोटों के मामले में अब एक सपा नेता का भी नाम सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि सपा नेता पूर्व प्रधान भी है। वो घटना के बाद से गांव से लापता है। दिल्ली की स्पेशल सेल उसको भी तलाश कर रही है। बता दें कि 31 दिसंबर को दिल्ली में नकली नोटों का जखीरा पकड़ा गया था। इस मामले में बदायूं जिले के तीन तस्कर पकड़े गए थे।
नकली नोट छापने वाले रैकेट के तार बदायूं से जुड़ने के बाद पुलिस जांच में जुटी हुई है। इस मामले में मुस्तफाबाद जरैठा की प्रधान के देवर यासीन का नाम सामने आया, जिसे नकली नोट छापने वाले रैकेट का मास्टरमाइंड बताया जा रहा था। जब से उसका नाम सामने आया है, तब से वह अपने गांव से फरार है। उसके अलावा एक सपा नेता का भी नाम सामने आ रहा है।
बताया जा रहा है कि यह सपा नेता अपने गांव का पूर्व प्रधान भी है। वह खुद को बचाने की कोशिश में लगा है। इस खुलासे के बाद से सपा नेता फरार है। एलआईयू और इंटेलीजेंस ब्यूरो उसके बारे में जानकारी जुटा रही है। दिल्ली की स्पेशल सेल टीम ने 31 दिसंबर को बदायूं के तीन युवकों को 50 लाख के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। उन्होंने पूछताछ में बताया था कि दानिश सहसवान के चौकी नंबर चार इलाके में एक निजी अस्पताल चलाता था।
उसकी ऊपरी मंजिल पर नोट बनाने का काम चल रहा था। इस धंधे में दानिश, आसिफ, सरताज और यासीन शामिल था। यासीन सभी लोगों को सुविधाएं मुहैया कराता था। दिल्ली की स्पेशल सेल टीम ने जो लैपटॉप और प्रिंटर आदि बरामद किया था, वह भी यासीन का ही था। एक जनवरी को स्पेशल सेल टीम आसिफ नाम के आरोपी को लेकर बदायूं आई थी। तब यासीन के घर पर दबिश दी गई थी लेकिन आरोपी भाग गए थे।
जरीफनगर थाना पुलिस ने नकली नोट देकर रुपये ट्रांसफर कराने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। बताया जा रहा है कि ग्राम सिरसा खुर्द निवासी अमित ने अज्ञात लोगों के खिलाफ तहरीर दी थी। उसका कहना है कि कुछ लोग उसके जनसेवा केंद्र पर आए थे। वह 11 हजार के नकली नोट देकर उसकी मां से अपने खाते में रुपये ट्रांसफर करवा कर चले गए थे। इसमें पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।