अक्सर दो चार होते होंगे. वो तस्वीर यह होती है कि रिजर्वेशन वाली बोगी में कुछ लोग वेटिंग टिकट के साथ बैठे होते हैं. हालांकि ई टिकट वेटिंग की सूरत में खुद ब खुद कैंसिल हो जाती है. लेकिन अगर टिकट काउंटर से बना हो तो वो कैंसिल नहीं होती है. अब कोई भी वेटिंग का टिकट लेकर रिजर्व बोगी में सफर नहीं कर सकता है.
इस ऐप की खासियत यह होगी कि रिजर्व बोगी में सफर कर रहा यात्री वेटिंग टिकट वालों के बारे में शिकायत कर सकेगा. अभी इस ऐप पर ट्रायल चल रहा है. सफल ट्रायल के बाद इसे यात्री गूगल और एपल प्ले ऐप के जरिए अपलोड कर सकेंगे. रेलवे बोर्ड के मुताबिक इस बात की शिकायत मिलती रहती है कि रिजर्व बोगी में वेटिंग टिकट वाले भी यात्रा करते हैं और उसकी वजह से बाकी यात्रियों को परेशानी होती है.
जब ट्रेन स्टेशन से रवाना होगी उसके बाद टीटीई हैंड हेल्ड डिवाइस के जरिए आरक्षित और अनारक्षित सीट के बारे में डेटा को फीड करेगा. यात्री एप में ट्रेन नंबर और कोच को फीड करेगा.इसके बाद बोगी की सीट बर्थ रिजर्वेशन का ले आउट दिखेगा. बोगी में निर्धारित संख्या से ज्यादा लोग अगर नजर आएंगे तो यात्री ऐप के जरिए शिकायत कर सकेगा.
जैसे ही ऐप पर शिकायत दर्ज होगी. पूरी जानकारी सेंट्रलाइज्ड सिस्टम पर खुद ब खुद चली जाएगी और टीटीई को अलर्ट मिल जाएगा. शिकायत मिलने के बाद टीटीई संबंधित कोच में अनधिकृत यात्रियों को रिजर्व कोच से बाहर निकालेगा. अगर कोई दिक्कत आएगी तो वो आरपीएफ की मदद लेगा.
एक पीएनआर पर वेटिंग और कंफर्म टिकट पर क्या होगा अब एक सवाल यह है कि अगर एक ही पीएनआर में कुछ टिकट कंफर्म और कुछ टिकट वेटिंग रह गए तो उन यात्रियों का क्या होगा. ऐसी सूरत में वेटिंग वाले यात्री उसी पीएनआर की रिजर्व सीट पर यात्रा कर सकेंगे. रेलवे का कहना हैकि यात्रियों को बिना किसी परेशानी यात्रा कराने की हमारी जिम्मेदारी है.यात्री बिना किसी संकट आराम के साथ यात्रा कर सकें इसके लिए हमारी कोशिश जारी है और ऐप उस दिशा में एक कदम है.