ऊधम सिंह नगर। निजी बैंक का फर्जी अदेय प्रमाणपत्र बनाकर उसे तहसील में लगाकर बैंक से जमीन बंधक मुक्त करने के एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मामले में नामजद मां और तीन बेटे अब भी वांछित हैं। कोटक महिंद्रा बैंक की रुद्रपुर शाखा के लीगल मैनेजर भानु प्रताप सिंह ने 19 अगस्त को थाने में तहरीर दी। इसलिए पुलिस ने तहसील बहेड़ी, जिला बरेली के ग्राम गहलुइया निवासी मोहन देई, उसके बेटे गजराज सिंह, श्याम बिहारी, मुकेश कुमार और टीकाराम के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था।
तहरीर में बताया गया कि रिजर्व बैंक के नोटिफिकेशन के तहत आईएनजी वैश्य बैंक का विलय कोटक महिंद्र बैंक में हो गया है। इन चारों आरोपियों ने 31 जुलाई 2014 को आईएनजी वैश्य बैंक की शाखा रुद्रपुर से सत्ताइस लाख रुपये का कृषि ऋण लिया था। इसमें गजराज सिंह के भाई मुकेश कुमार और टीकाराम गारंटर थे। इस खाते का 46,59,438 रुपये बकाया है। इसलिए बंधक कृषि भूमि के राजस्व अभिलेखों (खतौनी) में बैंक के ऋण को दर्ज कराया गया था।
अनुबंध के अनुसार बैंक से लिया गया ऋण समय पर ब्याज सहित किश्तों में चुकता कर बैंक से अदेय प्रमाणपत्र/डिस्चार्ज प्रमाणपत्र प्राप्त करना था लेकिन आरोपियों ने बैंक से लिया गया कृषि ऋण और ब्याज नहीं चुकाया तो 29 जून 2020 को यह खाता एनपीए हो गया था।
जब बैंक ने बंधक रखी जमीन कृषि भूमि का राजस्व अभिलेखों का ऑनलाइन सत्यापन किया तो पता चला कि ग्राम मोहिउद्दीनपुर तहसील बहेड़ी जिला बरेली के अभिलेखों (खतौनी) पर बैंक का चार्ज दर्ज नहीं था। जांच में पाया कि आरोपियों ने कृषि ऋण का फर्जी अदेय प्रमाणपत्र बनाकर उसे बहेड़ी तहसील कार्यालय में दाखिल कर बैंक के पक्ष में बंधक की गई कृषि भूमि को बंधक मुक्त करा लिया। निरीक्षक विक्रम राठौर की टीम ने बहेड़ी पुलिस की मदद से एक आरोपी मुकेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है।